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कोरबा पाली/3 नवंबर 2024 (KRB24NEWS)
आदिवासी संस्कृति के आराध्य शंभु ईशर और गवरा दाई की पारम्परिक पूजा अर्चना बड़ा देव शक्ति पीठ स्थल पाली में विधिवत कर पूरे विश्व की शांति, सुरक्षा, खुशहाली और समृद्धि की कामना की गई. शक्ति पीठ स्थल के पुजारी दुष्यंत उईके ने बताया कि शंभू ईशर और गवरा दाई की जोड़ी इस धरती के अध्यासी संम्भुओं की श्रृंखला के मध्य चीवालिसवा जोड़ी मानी जाती है ।संपूर्ण विश्व को आखेट युग से कृषि युग में परिवर्तित करने का श्रेय शंभु ईसर-गवरा युगल को जाता है। अनेकानेक पशुओ को जनजीवन से जोड़ने का काम तथा हिंसक एवं विषधर जंतुओं को अपने वश में करने की कला को ईशर राजा शंभु ने ही विकसित किया इसलिये इन्हें पेन पशुपति नाथ जैसे गरिमामय उपाधि से संबोधित कर अलंकृत किया जाता है। मान्यता के अनुसार इनका विवाह कार्तिक अमावस्या को ही सम्पन्न हुआ था।जनजाति समुदाय में आज से वैवाहिक प्रक्रिया प्रारंभ हो जाता है। पहले ईशर गवरा कार्यक्रम गांव गांव में होता था। मूल निवासियो की संस्कृति प्रत्यक्ष दर्शन होता है। संस्कृति,रीति-रिवाज, प्रथा, परंपरा के मूल अस्तित्व को विदेशी संस्कृति के प्रभाव से बचाए रखने हेतु इस पर्व के मूल स्वदय को जानना एवं उनके मूल्य को समझना जरूरी है.इसी के तहत बड़ादेव शक्ति पीठ पाली में शंभु ईशर गवरा का विशेष सेवा गोगो दुष्यंत उईके मुठवाल द्वारा समस्त वनस्पति एवं जीव जगत के सुख शांति समृद्धि हेतु किया गया।