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नई दिल्ली: केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के लिए बुधवार की रात बेहद भयावह रही. उनके हेलीकॉप्टर की पिथौरागढ़ में इमरजेंसी लैंडिंग के बाद उन्हें पूरी रात एक ऐसे गांव में बितानी पड़ी जहां ना तो बिजली थी और ना ही उस गांव में उनकी मदद के लिए कोई इंसान मौजूद था. हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के बाद राजीव कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ बंद पड़े एक घर का ताला तोड़कर उसमें रात बिताई. ठंड ज्यादा होने की वजह से वो अपने अन्य सहयोगियों के साथ पूरी रात आग जला कर काटनी पड़ी.
बताया जाता है कि इस दौरान उनके पास खाने के लिए भी कुछ भी नहीं था. सुबह तीन बजे के करीब नजदीक के गांव में रहने वाले लोग रेस्क्यू टीम के साथ उनतक पहुंचे. जिस गांव में राजीव कुमार पूरी रात रुके थे वह 15 हजार फीट की ऊंचाई पर था. रेस्क्यू टीम के पहुंचने के बाद राजीव कुमार समेत अन्य सभी लोगों को सुरक्षित मुन्यियारी लाया गया.
खराब मौसम की वजह से कराई गई थी इमरजेंस लैंडिंग
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बुधवार को मौसम खराब होने की वजह से मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की मुनस्यारी के रालम में हेलीकॉप्टर की आनन-फानन में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. हेलीकॉप्टर में उनके साथ इस दौरान राज्य के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे भी मौजूर थे. यह हेलीकॉप्टर मिलम की ओर जा रहा था.
सैटेलाइट फोन से पायलट ने बताई थी लोकेशन
राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग जिस गांव में कराई गई थी वो किसी पहाड़ी के सुनसान से इलाके में था. ऐसे में वहां मोबाइल फोन से किसी को फोन कर पाना भी संभव नहीं था. ऐसे में हेलीकॉप्टर के पायलट ने अपने सैटेलाइट टेलीफोन से अपनी लोकेशन बताई थी. मिली लोकेशन के आधार पर रेस्क्यू टीम राजीव कुमार और उनके साथ रुके लोगों तक गुरुवार सुबह तीन बजे के करीब पहुंची थी.