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कोरबा पाली 23 सितंबर 2023(KRB24NEWS):

जय बड़ा देव शक्तिपीठ, पाली के अध्यक्ष श्री कौशल सिंह राज द्वारा लाइब्रेरी का शुभारंभ किया गया । श्री राज ने बताया कि लाइब्रेरी का शुभारंभ हम लोगों ने 01 वर्ष पूर्व करने वाले थे, लेकिन मुहूर्त नहीं बन पाया था । इसलिए शुभारंभ नहीं कर पाए, बल्कि छात्र-छात्राओं को प्रत्येक रविवार को लगातार 1 वर्ष तक कोचिंग दिलाए । इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के सचिव श्री जय सिंह राज ने बताया कि लाइब्रेरी यहां इसलिए खोला गया है कि कई ऐसे विद्यार्थी हैं जो पढ़ना तो चाहते हैं और विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी भी करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वे ना तो पुस्तक खरीद पाते हैं और ना ही परीक्षा की तैयारी कर पाते हैं । बहुत से ऐसे परीक्षार्थी भी हैं जो बिलासपुर, रायपुर, दूर्ग, दिल्ली जाकर परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह वहां जाकर तैयारी नहीं कर पाते हैं । यह लाइब्रेरी ऐसे परीक्षार्थियों के लिए वरदान साबित होगा । यह लाइब्रेरी परीक्षार्थियों के लिए सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक खुला रहेगा । यदि विद्यार्थी चाहेंगे कि यहीं रहकर परीक्षा की तैयारी करेंगे तो उनके लिए भी रात्रि रुकने के लिए एक रूम का व्यवस्था किया जाएगा । यदि परीक्षार्थी रात्रि कालीन पढ़ना चाहेंगे तो वह भी व्यवस्था करेंगे ।

लाइब्रेरी हेतु पीएससी की सभी पुस्तक समिति के उपाध्यक्ष श्री प्रयागनारायण शांडिल्य पाली द्वारा, दो नग अलमारी श्री लालमन मसराम डोंगरतराई द्वारा, ०१ नग अलमारी श्री चट्टान सिंह जगत, हरनमउड़ई द्वारा, ०१ नग अलमारी श्री एसके भूपल, महुदा द्वारा, 100 परीक्षार्थियों की बैठने हेतु टेबल श्री बीएस उईके, (आईएएस) द्वारा तथा कुर्सियां श्री जयसिंह राज, सैला, कौशल सिंह राज, पाली और वायुशरण जगत, पाली द्वारा प्रदत किया गया है । समिति के उपाध्यक्ष श्री प्रयाग नारायण शांडिल्य ने कहा कि यदि कोई भी परीक्षार्थी इस लाइब्रेरी से पढ़कर कोई भी परीक्षा पास करके नौकरी पाते हैं तो उन्हें सम्मानित किया जाएगा उन्होंने आगे कहा कि लाइब्रेरी ज्ञान प्राप्त करने का सर्वोत्तम स्थान है यहां एकाग्र मन से परीक्षा की तैयारी किया जा सकता है । यहां शांत माहौल मिलता है । यहां सोचने समझने और चिंतन करने की शक्ति मिलती है । यहां केवल स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी ही नहीं बल्कि कोई भी आकर पुस्तक पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । इस अवसर पर श्री बुंदेल सिंह जगत, कीर्ति धुव, जीवन मरकाम, दुष्यंत उईके,पीएस मरकाम एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।