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सेंद्रीपाली और चिर्रा गोठान में शुरू हुई गौ मूत्र खरीदी, पहले दिन जिले के 16 गौ- पालकों ने बेचे 87 लीटर गौ मूत्र
सेंद्रीपाली गोठान में आयोजित हरेली तिहार कार्यक्रम में विधायक मोहित राम केरकेट्टा और कलेक्टर संजीव झा हुए शामिल
कोरबा 28 जुलाई 2022/ (KRB24NEWS):
छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार हरेली पर्व आज कोरबा जिले में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ पारंपरिक तौर तरीकों से मनाया गया। हरेली तिहार के अवसर पर जिले के गोठानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विकासखंड पाली के ग्राम सेंद्रीपाली के गौठान में जिला स्तरीय हरेली महोत्सव का आयोजन किया गया। यहाँ छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा के साथ कृषि उपकरणों और कृषि यंत्रों की पूजा की गई। हरेली पर्व पर ग्रामीणों ने गेड़ी चढ़कर, नारियल फेंककर, फुगड़ी सहित भौरा-बाटी खेलकर सभी ने त्योहार का जमकर आंनद उठाया। सेंद्रीपाली के गोठान में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में पाली तानाखार क्षेत्र के विधायक एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मोहितराम केरकेट्टा और कलेक्टर संजीव झा भी शामिल हुए। विधायक केरकेट्टा ने जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा अर्चना की और लोगों की खुशहाली की कामना की।
इसके बाद उन्होंने गौमाता को चारा खिलाया और उसकी पूजा की। इस दौरान विधायक, कलेक्टर सहित ग्रामीणों ने गेड़ी चढ़कर हरेली पर्व की खुशियां बांटी। हरेली पर्व से जिले में गौ-मूत्र की खरीदी की भी शुरूआत हो गई। जिले के दो गोठान सेंद्रीपाली और चिर्रा में गोमूत्र खरीदी की शुरुआत हुई । पहले दिन जिले के 16 हितग्राहियों से कुल 87 लीटर गोमूत्र की खरीदी इन दो गोठानो में की गई। गोमूत्र में नीम, सीताफल, पपीता, करंज और अमरूद आदि के पत्ते मिलाकर उत्कृष्ट जैविक कीट नियंत्रक तैयार किए जायेंगे। सेंद्रीपाली के गौठान में आयोजित हरेली तिहार कार्यक्रम में इस दौरान गौ सेवा आयोग सदस्य प्रशांत मिश्रा, राज्य श्रम कल्याण आयोग सदस्य नवीन सिंह ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर, जनपद पंचायत अध्यक्ष पाली श्रीमती दमयंती सेन्द्राम, जनपद पंचायत पाली सीईओ व्ही के राठौर, जनपद सदस्य गण, सरपंच व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे। विकासखंड कोरबा के चिर्रा गौठान में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर, एसडीएम कोरबा हरिशंकर पैकरा, जनपद पंचायत कोरबा के सीईओ सहित ग्रामीणजन मौजूद रहे।गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने बने सहभागी- हरेली पर्व कार्यक्रम में विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने जिलेवासियों से अपने पारंपरिक लोक मूल्यों को सहेजते हुए गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार रूप देने में सहभागी बनने की अपील की।
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार गोबर के बाद अब गोमूत्र खरीदने जा रही है। हरेली तिहार के मौके पर आज से गो-मूत्र की खरीदी शुरू हो गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर जिले के 2 गोठानों में गौ-मूत्र की खरीदी करेगी। कृषि विकास कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गो-मूत्र खरीदने 4 रुपये प्रति लीटर कीमत तय की गई है। खरीदे गए गो-मूत्र से जीवामृत और कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। गौमूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत और कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किये जाएंगे। इससे ग्रामीणों को रोजगार और आय के नया जरिया मिलने के साथ जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और कृषि लागत कम होगी। विधायक केरकेट्टा ने कहा है कि परंपराओं को आधुनिक जरूरतों के अनुसार ढालना सामूहिक उत्तरदायित्व का काम है। हरेली तिहार कार्यक्रम में उपस्थित कलेक्टर श्री संजीव झा ने कहा कि दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी की शुरूआत हुई थी। गोबर से गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे है। इसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है।
गौ-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। इसी को ध्यान में रखकर गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की जा रही है। इससे पशुपालकों को अब पशुधन के गौ-मूत्र को बेचने से जहां एक ओर अतिरिक्त लाभ होगा, वहीं दूसरी ओर महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसका उपयोग किसान रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में कास्ट लागत कम होगी और उत्पादित खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी आएगी। गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है, इसके जरिए गोबर विक्रेताओं को अतिरिक्त लाभ होने के साथ-साथ महिला समूहों को गोबर से कम्पोस्ट खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार करने से आय एवं रोजगार का जरिया मिला है। महिला समूह को अपने उत्पाद बेचने के लिए अब जिले में स्थापित सी मार्ट के जरिये वे यहां अपने उत्पाद को बेचकर अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य श्री प्रशांत मिश्रा ने कहा कि गोबर से राज्य के गोठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा चुके हैं, जिससे प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गो-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। पशुपालकों को गो-मूत्र बेचने से अतिरिक्त आय होगी यानी आर्थिक लाभ वाले व्यापार से जुड़ जाएंगे। महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गो-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से समूहों को रोजगार और आय का एक और जरिया मिलेगा।