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कोरबा/कटघोरा: अनुविभाग को जिले के दर्जे के लिए क्षेत्रीय अधिवक्ता संघ का क्रमिक धरना-प्रदर्शन आज पांचवे दिन भी जारी है. मीडिया से हुई बातचीत में बार एसोसिएशन के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिन्हा ने दो टूक कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है सरकार उनके इस मांग पर विचार करते हुए आगामी गणतंत्र दिवस तक पूरा करने का प्रयास करेगी बावजूद अगर उनकी इस महत्वपूर्ण मांग की अनदेखी की जाती है तो वे आत्मदाह करने से भी पीछे नही हटेंगे. अपनी मांगों को लेकर सरकार पर जिस तरह का दबाव बनाना पड़े वे बनाएंगे. वे अब और उपेक्षा का दंश नही झेल सकते.
अमित सिन्हा ने बताया कि जिले की मांग दशकों पुरानी है लेकिन इससे जुड़ी रणनीतिक लड़ाई सन 2013 में बार एसोसिएशन ने शुरू किया था. तब प्रदेश में डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी लेकिन दुर्भाग्य से उस दौर में भी नगरवासियों को सरकार के उपेक्षा का शिकार होना पड़ा. आज जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में काबिज है तब अयोग्य और अपात्र तहसील, अनुविभागो को जिले के तौर पर अपग्रेड किया जा रहा है. सारंगढ़ और मानपुर-मोहल्ला इसके उदाहरण है. श्री सिन्हा ने बताया कि उनके इस आंदोलन को नगर के हर वर्ग, समुदाय, समितियों का भरपूर समर्थन हासिल हो रहा है. इसी तरह कटघोरा, दीपका, हरदीबाजार, पाली और पोंड़ी तहसील भी उनकी इस जायज मांग को मजबूत करने कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे है. बार एसोसिएशन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि आने वाले 26 जनवरी तक किसी भी कीमत पर कटघोरा को जिले का दर्जा देना होगा. इसके लिए सड़क की लड़ाई के साथ-साथ अगर आत्मदाह भी करना पड़े तो वे इसके लिए तैयार है. कानूनी रास्ते के विकल्प पर कहा कि जिला बनाने या नही बनाने का फैसला सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री के विवेक पर निर्भर है. इसके लिए कोई कानूनी विकल्प मौजूद नही है फिर भी अपनी मांगों के लिए उन्हें जो कुछ कवायद करना पड़े वे तैयार है.
“न्यायप्रिय सरकार के न्यायप्रिय नेता है भूपेश बघेल, कटघोरा की जनता के साथ करेंगे न्याय” : अशोक दुबे, वरिष्ठ पत्रकार.
सभास्थल पर डटे नगर के वरिष्ठ पत्रकार अशोक दुबे ने भी मीडिया से हुई बातचीत में अपनी वर्तमान और भावी रणनीति पर रायशुमारी की. बताया कि 1982 से शुरू हुआ यह आंदोलन आज अपने निर्णायक मोड़ पर है. उपेक्षित कटघोरा अनुविभाग के लोगो के लिए यह अब आर-पार की लड़ाई बन चुकी है. प्रस्तावित जिला क्षेत्र के हर प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधियों का भरपूर सहयोग और समर्थन हासिल हो रहा है. आने वाले दिनों में वे क्षेत्रीय सांसद, विधायको के साथ एक प्रतिनिधिमंडल राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री से भेंट करेगा और मांग पर उनकी सहमति चाहेगा. उन्होंने उम्मीद जताई है कि लोकप्रिय छग सरकार के न्यायप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल क्षेत्र के उन्नयन, विकास और अधिकारों के लिए जनता के साथ जरूर न्याय करेंगे.
गौरतलब है कि जिले से जुड़ी इस मांग को बड़ी संख्या में लोगो का समर्थन हासिल हो रहा है. इसके अतिरिक्त पत्रकारों के विभिन्न संघ, मेडिकल स्टोर एसोसिएशन, लायन्स क्लब, राइस मिलर्स एसोसिएशन, अग्रवाल सभा, व्यापारी संघ, एकता परिषद, पंच-सरपंचगण व जनपद पंचायत व नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त राष्ट्रीय दलों के नेता भी धरना स्थल पर पहुंचकर सरकार तक इस मांग को पहुंचाने का प्रयास कर रहे है. पत्रकारों ने जहां पिछले दिनों मोटरसाइकिल रैली कर अपनी आवाज बुलंद की तो वही मेडिकल स्टोर एसोसिएशन ने भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था. उन्होंने इसे भावनात्मक मांग बताते हुए पूरा किये जाने की बात कही थी. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी लगातार आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है.