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बलौदाबाजार जिला सहकारिता विस्तार अधिकारी की गाड़ी से गरीबों को बांटने वाला चावल मिला है. यह चावल PDS सिस्टम के जरिए बांटा जाना था. इस केस में अधिकारी पर समिति प्रबंधक और प्रभारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. सरगुजा की रजवार भित्ति या भित्ति चित्र की कला देश-विदेश में प्रसिद्ध है. सोना बाई को ही सरगुजा में इसका जन्मदाता माना जाता है. इस क्षेत्र से तीन-तीन मंत्रियों के रहते हुए उनके निधन के बाद उनकी स्मृति में बना संग्रहालय साल 2015 से ही उद्घाटन की बाट जोह रहा है. एक नजर छत्तीसगढ़ की उन खबरों पर जो दिन भर बनी रही सुर्खियां

छत्तीसगढ़ में स्कूल खुलने के फैसले पर क्यों अभिभावक उठा रहे सवाल ?

छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से स्कूल खोल दिये गये हैं. हालांकि कुछ स्कूल तो अभी खुले भी नहीं हैं. इस बीच कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. वहीं कुछ बच्चे ऑनलाइन तो कुछ ऑफलाइन कक्षा को बेहतर बता रहे हैं. 

छत्तीसगढ़ की दो महिला सांसदों के क्यों छलक पड़े आंसू ?

कांग्रेस का आरोप है कि मानसून सत्र के दौरान उनकी दो सांसद फूलो देवी नेताम और छाया वर्मा के साथ सदन में बदसलूकी हुई. इस दौरान दोनों सांसद खुद को 42 मार्शलों से बचाती रहीं. इस दौरान धक्का-मुक्की में उन्हें चोटें भी आई है. दोनों महिला सांसदों का आरोप है कि उन्हें राज्यसभा के अंदर 42 मार्शलों ने घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की हुई. ये बताते बताते दोनों महिला सांसदों की आंखें छलक पड़ी 

बलौदाबाजार में जिला सहकारिता अधिकारी की गाड़ी से मिला पीडीएस का चावल, मचा हड़कंप

जिले के कसडोल तहसील अंतर्गत पीसीद सहकारी समिति में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब विभाग के ही सहकारिता विस्तार अधिकारी डी के भारद्वाज दुकान संचालक से चावल की घूस मांगते दिखे.

कोरिया में नदी के अंदर चट्टान पर फंसे बच्चों का किया गया रेस्क्यू

विशाल बोरा नदी में आई बाढ़ के कारण फंसे चार बच्चों का रेस्क्यू कर लिया गया है. चार बच्चों के सकुशल बाहर आने के बाद वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली है. मनेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन के पास विशाल बोरा नाम की एक पहाड़ी नदी बहती है, जो हल्की बारिश में उफान मारने लगती है. 

एक तो सूखा उस पर खाद की किल्लत, फसल उत्पादन के लिए किसान परेशान

इस वर्ष बरसात की कमी के चलते खेतों में पानी की कमी व सूखे के कारण स्थानीय किसान खेतों की जुताई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं फसल की रोपाई भी प्रभावित हो रहा है. इससे फसल के उत्पादन को लेकर किसानों में मायूसी छायी है. इतना ही नहीं मौसम की मार झेल रहे किसान यूरिया व डीएपी खाद की किल्लत भी झेल रहे हैं. इस समय किसानों को यूरिया व डीएपी की सख्त जरूरत है, लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी के चलते किसान यूरिया व डीएपी खाद से भी वंचित हैं. 

सोना बाई के भित्तिचित्र ने देश-विदेश में सरगुजा को दिलाई पहचान

सोना बाई के नाम के चर्चे न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी होते हैं. सोना बाई द्वारा बनाये गये भित्तिचित्र का संग्रहालय अमेरिका में बनाया गया है. इसी लिए तो इनके हाथ के हुनर का लोहा विश्व के अलग-अलग देश के लोगों ने भी माना है. इतना ही नहीं इनसे प्रेरित होकर एक अमेरिकन ने तो सोना बाई पर किताब तक लिख दी है. लेकिन विडंबना तो देखिए अपने ही राज्य, अपने ही गांव में सोना बाई की माटी कला मिट्टी में मिल गई है. संस्कृति विभाग हो या फिर अन्य प्रशासनिक तंत्र किसी को भी इस विरासत को संजोने की फुरसत ही नहीं है. आलम चह है कि सोना बाई के निधन के बाद उनकी स्मृति में बना संग्रहालय साल 2015 से ही उद्घाटन की बाट जोह रहा है. 

बिलासपुर में मालगाड़ी के इंजन के डिरेल हो जाने के मामले में शंटर सस्पेंड

बिलासपुर के तारबाहर रेलवे फाटक के पास शंटिंग के दौरान मालगाड़ी के इंजन के सड़क पर दौड़ जाने के मामले में रेल प्रशासन ने शंटर को सस्पेंड कर दिया है. हालांकि इस मामले में अभी जांच चल रही है, लेकिन तत्काल की गई जांच में शंटर की ही गलती सामने आई है. रेल प्रशासन ने इस मामले में जांच कमेटी बिठाई है. इस घटना में रेलवे को करोड़ों की क्षति पहुंची है. 

बिजली विभाग के संविदा कर्मियों ने जमीन पर लेटकर क्यों किया प्रदर्शन ?

छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ 3 सूत्रीय मांग को लेकर 10 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. बिजली विभाग में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों ने बुधवार को सड़क पर लेटकर सरकार और प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया. इन संविदा कर्मचारियों का कहना है कि जब तक इनकी 3 सूत्रीय मांग सरकार के द्वारा पूरी नहीं की जाती. तब तक हड़ताल जारी रहेगी .

पिंजरे में कैद मैना को निगलने के बाद खुद फंस गया कोबरा

कोरबा में एक अजीबोगरीब घटना सामने आइ है, जिसमें एक कोबरा पहाड़ी मैना के ही पिंजरे में बंद होकर रह गया. शिकार करने में विफल रहे कोबरा को पूरी रात पहाड़ी मैना के पिंजरे में ही गुजारनी पड़ी. गजब तो तब हुआ जब सुबह जब घरवालों ने यह नजारा देखा. देखने वालों को यकीन ही नहीं आया कि रात को पिंजरे में बंद मैना, सुबह सांप कैसी बन गई? हालांकि कोबरा के फूले हुए पेट पर नजर पड़ते ही पूरा मामला स्पष्ट हो गया.

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