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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की ओर से राहत के कई प्रावधान किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आठ मदों में आर्थिक राहत का प्रावधान किया जा रहा है, इनमें से चार नए हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है.
नई दिल्ली 28 जून (KRB24NEWS) : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार ने 6.29 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया है. इसमें कोरोना वायरस (कोविड-19) से प्रभावित क्षेत्रों को 1.1 लाख करोड़ रुपये के लोन गारंटी स्कीम का प्रमुख है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक टूर-ट्रैवल के लिए भी राहत पैकेज का एलान किया गया है. मेडिकल की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.
मीडिया से बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक बार अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होने के बाद, भारत आने वाले पहले पांच लाख पर्यटकों को वीजा शुल्क नहीं देना होगा. योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी, या पहले पांच लाख वीजा के वितरण के बाद बंद कर दी जाएगी. एक पर्यटक केवल एक बार लाभ उठा सकता है.
पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा
पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई योजना की घोषणा की गई. इस योजना के तहत 11,000 से अधिक पर्यटक गाइडों को 100 प्रतिशत गारंटी के साथ वित्तीय सहायता दी जाएगी. एजेंसी के लिए 10 लाख रुपये, जबकि टूरिस्ट गाइड के लिए 1 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा.
सरकार के अनुमान के मुताबिक इससे 10,700 से अधिक पंजीकृत पर्यटक गाइडों को मदद मिलेगी. यह योजना पर्यटन मंत्रालय द्वारा नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) के माध्यम से प्रशासित की जाएगी. इसका कुल वित्तीय निहितार्थ 100 करोड़ रुपये है.
सरकारी अनुमानों के अनुसार, 2019 में 10.93 मिलियन पर्यटक भारत आए, 30 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक खर्च करते हुए, औसत पर्यटक प्रति दिन 2,400 रुपये खर्च करते हैं.
क्रेडिट गारंटी योजना से मिलेगा लाभ
सरकार का कहना है कि तीन साल के लिए लाई गई क्रेडिट गारंटी योजना से 25 लाख लोगों को लाभ मिलेगा. नई क्रेडिट गारंटी योजना के तहत ब्याज दर 3 साल की ऋण अवधि के साथ आरबीआई द्वारा निर्धारित दर से 2% कम है. नई क्रेडिट गारंटी योजना छोटे शहरों सहित भीतरी इलाकों के छोटे से छोटे कर्जदारों तक भी पहुंचेगी. ECLGS के तहत अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की गई.
पहले 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना में से 2.69 लाख करोड़ पहले ही उपयोग किए जा चुके हैं. यह योजना MSMEक्षेत्र की ओर लक्षित है. अब तक 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों 25 निजी बैंकों और 31 गैर-बैंकिंग वित्त निगमों ने इस योजना में भाग लिया.
ऋण सुविधा गारंटी योजना का दायरा बढ़ा
वित्त मंत्री ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है, इस योजना के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), अन्य क्षेत्रों को बिना किसी गारंटी के कर्ज उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कह कि 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने कोविड-प्रभावित क्षेत्र के लिये 1.01 लाख करोड़ रुपये की रिण गारंटी योजना घोषित की. इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र को 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज 7.95 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जायेगा.
आत्मनिर्भर भारत योजना का विस्तार
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना का विस्तार किया है, जिसकी घोषणा पहले आत्मानिर्भर भारत के तहत की गई थी. सरकार ने 58.5 लाख लाभार्थियों के लिए 22,810 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी. इस योजना में, सरकार 12+12% ईपीएफओ योगदान (यदि 1000 से कम कर्मचारी हैं) और 1000 रुपये से अधिक श्रमिकों के मामले में 12% कर्मचारी योगदान की सब्सिडी देती है. विस्तारित योजना मार्च 2022 तक लागू रहेगी.
रबी सीजन में गेहूं की खरीद 19-20 में 389.92 लाख टन से बढ़कर 432.48 लाख टन 21-22 हो गई.
गरीब कल्याण अन्न योजना पर खर्च बढ़ा
सीतारमण ने बताया कि सरकार ने अब तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना पर 1,33,972 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 तक योजना को बढ़ा दिया है. विस्तार में 93,869 करोड़ का वित्तीय निहितार्थ है. दो वित्तीय वर्षों में योजना पर कुल प्रभाव 2,27,481 करोड़ होगा.
NERAMC को किया जाएगा पुनर्जीवित
सरकार 77.45 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड को पुनर्जीवित करेगी. इसमें 75 किसान उपज और 13 भौगोलिक संकेत प्रमाणित फसलें शामिल हैं जो उत्तर पूर्व के लिए विशिष्ट हैं.
एनईआईए को समर्थन
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाते के माध्यम से निर्यात को समर्थन देने के लिए 33,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. अब तक एनईआईए ट्रस्ट ने 52,860 करोड़ रुपये की 211 परियोजनाओं का समर्थन किया है. भविष्य में यह अगले पांच वर्षों में 33,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का समर्थन करेगा.
ईसीजीएस में निवेश
सरकार निर्यात बीमा कवर को बढ़ावा देने के लिए पांच वर्षों में इक्विटी एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के रूप में 88,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. ईसीजीएस भारत के लगभग 30% व्यापारिक निर्यात का समर्थन करता है.
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए, भारतनेट को 19,041 रुपये का आवंटन किया गया था, जो कि 2017 में पहले 42,068 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था. इससे कुल राशि 61,109 करोड़ रुपये हो जाती है. यह राशि 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड का विस्तार करने के लिए खर्च की जाएगी. 31 मई 2021 तक 1.56 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को 31 मई 2021 तक सेवा के लिए तैयार किया जा चुका है.
प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजनाका विस्तार
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजना का कार्यकाल एक साल के लिए 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है. घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत पीएलआई योजना की घोषणा की गई थी. केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.97 लाख करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता के साथ पीएलआई योजना को 13 क्षेत्रों में विस्तारित किया.
