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Vaishakh Month 2025: वैशाख महीने के दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दौरान भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है। वैशाख महीने का एक नाम माधव मास भी है। स्कन्द पुराण के वैष्णव खण्ड में भी आया है- न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्। न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।। अर्थात् माधवमास, यानि वैशाख महीने के समान कोई महीना नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है। लिहाजा माधव मास का बड़ा ही महत्व है। इस महीने के दौरान ‘ऊँ माधवाय नमः’ मंत्र का नित्य ही कम से कम 11 बार जप करना चाहिए।

वैशाख माह में तुलसी पूजा का महत्व

वैशाख महीने के दौरान किये जाने वाले कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण है तुलसीपत्र से श्री विष्णु की पूजा। पूरे वैशाख महीने में तुलसी की पत्तियों से भगवान विष्णु का पूजन किया जाना चाहिए। इससे व्यक्ति को करियर में तरक्की के साथ ही अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है। इसके अलावा उस व्यक्ति के घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। तुलसी पूजन के साथ ही इस दौरान घर आंगन में तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ

होता है। इस दौरान घर, मन्दिर या कार्यस्थल पर तुलसी का पौधा लगाने से और उचित प्रकार से पौधे की देखभाल करने से व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित होती है।

वैशाख मास में स्नान-दान का महत्व

वैशाख या माधव मास के दौरान जप, तप, हवन के अलावा स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। इस दौरान जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से जप, तप, हवन, स्नान, दान आदि शुभ कार्य करता है, उसका अक्षय फल उस व्यक्ति को प्राप्त होता है। जिस प्रकार कार्तिक महीने के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार वैशाख महीने के दौरान भी सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है यानी उसे जीवन में तरक्की ही तरक्की मिलती है। 

वैशाख में जरूर करें इस चीज का दान

वैशाख महीने के दौरान घट दान यानी मिट्टी का घड़ा दान करने का भी विधान है। इस दौरान अगर आप किसी मंदिर में, बाग-बगीचे में, स्कूल में या किसी सार्वजनिक स्थान पर पानी से भरा मिट्टी का घड़ा रखेंगे, तो आपको बहुत ही पुण्य फल प्राप्त होंगे। इससे आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।