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लॉस एंजेलिस में छतों, वाहनों और सड़कों पर चमकीला पिंक पाउडर आम नजारा बन गया है, जहां हवाई टैंकर लगातार जंगल की आग को बुझाने के लिए इस पदार्थ को गिरा रहे हैं. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आग को और फैलने से रोकने के लिए पिछले हफ्ते में इस पाउडर के हजारों गैलन का इस्तेमाल किया गया है लेकिन आखिर ये पिंक पाउडर क्या है और यह जंगल की आग को रोकने में किस तरह से मदद कर रहा है?

क्या है आग को रोकने वाला ये पिंक पाउडर? 

इस पदार्थ का नाम फॉस-चेक है जो आग को रोकने में मदद करता है. 1960 के दशक से ही अमेरिका में इसका आग को रोकने के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है और इसे पेरीमीटर सोल्यूशन नाम की कंपनी बनाती है. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक आग को रोकने वाले इस पदार्थ का दुनियाभर में कई जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है. देखने में ये पिंक पाउडर अजीब लग सकता है लेकिन आग को रोकने में ये बेहद अहम भूमिका निभाता है.

पेरीमीटर के एक वक्ता ने बीबीसी को बताया कि वो फॉस-चेक को डाई करते हैं ताकि फायरफाइटर और पायलट इसे देख सकें और उन्हें पता चल सके कि उन्होंने किस-किस हिस्से में इसका इस्तेमाल किया है. यह रंग अपने आप ही सूरज की रोशनी के संपर्क में आने के बाद कुछ दिन के अंदर फेड हो जाता है और पृथ्वी के रंग में मिल जाता है.

कैसे काम करता है आग को बुझाने वाला पिंक पाउडर? 

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आग को सीधे बुझाने के बजाय, फॉस-चेक को आग लगने से पहले ही छिड़का जाता है, जिससे यह वनस्पतियों और अन्य ज्वलनशील सतहों पर फैल जाता है. इससे ऑक्सीजन को आग में शामिल होने से रोका जा सकता है, और आग के फैलाव को धीमा करने में ये बेहद उपयोगी साबित होता है.

इस अवरोधक के मुख्य घटक अमोनियम पॉलीफॉस्फेट जैसे केमिकल हैं. नेशनल इंटरएजेंसी फायर सेंटर के प्रवक्ता स्टैंटन फ्लोरिया ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि यह रिटार्डेंट मुश्किल परिस्थितियों में भी टिक सकता है और पानी की तुलना में अधिक समय तक टिका रहता है, “यह पानी की तरह यह इवेपोरेट नहीं होता है.” इस पदार्थ का इस्तेमाल ऐसे इलाकों में किया जाता है, जहां सतह पर मुश्किलें होने के कारण पहुंचने में कठिनाई होती है. 

फॉस-चेक की अपनी सीमाएं हैं. तेज हवाएं, हवाई ड्रॉप को खतरनाक बना सकती हैं और तेज झोंके लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही पाउडर को बिखेर सकते हैं, जिससे इसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है. 

क्या आग रोकने वाले इस पदार्थ के कुछ नुकसान भी हैं? 

जंगलों में लगने वाली आग को रोकने में भले ही पिंक पाउडर बेहद मददगार है लेकिन पर्यावरण के एक्सपर्ट्स ने इसे लेकर चिंताएं जाहिर की हैं क्योंकि इससे इकोसिस्टम और मनुष्य के जीवन पर असर होता है. न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उभरते शोध से पता चलता है कि अग्निरोधी पदार्थों में मौजूद रसायन, जिनमें भारी धातुएं भी शामिल हैं, पर्यावरण के लिए विषाक्त खतरा पैदा करते हैं. 

इसमें कहा गया है कि हर साल लाखों गैलन पदार्थ गिराया जाता है, जिससे वन्यजीवों को नुकसान पहुंच सकता है, जलमार्ग प्रदूषित हो सकते हैं और मानव स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. घातक आग को नियंत्रित करने के लिए अग्निरोधी पदार्थ बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं और जलवायु परिवर्तन की वजह से लगातार जंगली आग की घटनाओं की वजह से इनका प्रयोग बढ़ता जा रहा है और इस वजह से पर्यावरण में अधिक रसायन प्रवेश कर रहा है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान और पूर्व अमेरिकी वन सेवा कर्मचारियों के एक समूह, पर्यावरण नैतिकता के लिए वन सेवा कर्मचारियों द्वारा 2022 में दायर एक मुकदमे में आरोप लगाया गया कि अग्निरोधी पदार्थों की हवाई बूंदों ने स्वच्छ जल कानूनों का उल्लंघन किया है. अमेरिकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश ने इन चिंताओं को स्वीकार किया, लेकिन वन सेवा को पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) से परमिट प्राप्त करने तक अग्निरोधी पदार्थों का उपयोग जारी रखने की अनुमति दी है.