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नई दिल्ली: देशभर में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट भी की है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘सभी देशवासियों को भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’’ बता दें कि भारत के संविधान को 1949 में आज ही के दिन अंगीकार किया गया था। इस साल संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में भी होगा कार्यक्रम
इस अवसर पर पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष, जिसे अब संविधान सदन कहा जाता है, में मुख्य समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के महत्वपूर्ण अवसर पर पीएम मोदी शाम करीब 5 बजे सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में संविधान दिवस समारोह में भाग लेंगे। वह भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट (2023-24) जारी करेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किया जा रहा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
अमित शाह ने दी बधाई
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संविधान दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में लोकतंत्र की ताकत उसका संविधान है, जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मंत्र देता है। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान को अपनाया था और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। शाह ने संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज भारत पूरे उत्साह से संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जी सहित संविधान के सभी शिल्पियों के योगदान को चिरस्मरणीय बनाने के लिए (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी ने ‘संविधान दिवस’ मनाने की शुरुआत की। भारत जैसे विशाल देश के लोकतंत्र की शक्ति हमारा संविधान ही है, जो हर व्यक्ति के लिए न्याय और समान अधिकार सुनिश्चित कर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता का मंत्र देता है। हमारा विश्वास है कि संविधान सिर्फ मंचों पर दिखाने की एक पुस्तक नहीं, बल्कि पूर्ण श्रद्धा से आत्मसात कर सार्वजनिक जीवन में अपना सर्वोच्च योगदान देने की कुंजी है। आइए! इस संविधान दिवस पर एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लें।’’