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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक परिषद के सलाहकार बिबेक देबरॉय का निधन हो गया है। 69 साल के देबरॉय का देहावसान शुक्रवार सुबह हुआ। वह एक अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ मशहूर लेखक भी थे। देबरॉय को भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारतीय आर्थिक नीतियों को आकार देने में प्राथमिक भूमिका निभाई। पीएम मोदी ने देबरॉय के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखी पोस्ट में अपना दुख जाहिर किया। पीएम मोदी ने लिखा कि डॉ. बिबेक देबरॉय एक महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, आध्यात्मिकता और अन्य में पारंगत थे। अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में उनके योगदान से परे, उन्होंने हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने का आनंद लिया।

कौन थे बिबेक देबरॉय
एक मशहूर अर्थशास्त्री के रूप में मशहूर बिबेक देबरॉय का जन्म 25 जनवारी 1955 को मेघालय के शिलांग में हुआ था। योजना आयोग की जगह मोदी सरकार नीति आयोग ले आई तो देबरॉय को वहां जगह मिली। जनवरी 2015 में वो आयोग के स्थायी सदस्य बने, वह यहां पर 2019 तक रहे। इसके बाद सितंबर 2017 में देबरॉय को पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बने। भारत के प्रधानमंत्री को आर्थिक मामलों पर सलाह देने वाली कमेटी के वो अध्यक्ष बना दिए गए। इसके अलावा सितंबर 2018 से सितंबर 2022 के बीच उन्होंने इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट के प्रेसिडेंट के रूप में भी काम किया।

ऐसा रहा शुरुआती जीवन
बिबेक देबरॉय के दादा-दादी बांग्लादेश के सिलहट से भारत आए थे। उनके पिता भारत सरकार की इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स सर्विस में काम करते थे। देबरॉय की शुरुआती शिक्षा पश्चिम बंगाल के नरेंद्रपुर स्थित रामकृष्ण मिशन विद्यालय से हुई। उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से हासिल की। देबरॉय ने इकोनॉमिक्स में ही मास्टर्स किया। इसके लिए वो दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स आए। फिर वो ट्रिनिटी कॉलेज स्कॉलरशिप पर आगे की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज चले गए।