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बेंगलुरु के एक फ्लैट में महालक्ष्मी नामक महिला के शव के टुकड़े मिलने के मामले को लेकर सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. महालक्ष्मी पति हेमंत दास से पिछले 9 महीने से अलग रह रही थी. इस मामले में महालक्ष्मी के पति ने दावा किया कि उसकी पत्नी अशरफ के साथ रिश्ते में थी.

हेमंत दास का कहना है कि महालक्ष्मी घरेलू विवाद की वजह से उससे दूर अशरफ के साथ रह रही थीं. अशरफ नाई की दुकान में काम करता था. दास ने कहा, मुझे अशरफ नाम के शख्स पर शक है. मैंने नेलामंगला पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी.   

महालक्ष्मी नेपाल की रहने वाली हैं और उनकी शादी 6 साल पहले हुई थी. उनकी एक बेटी भी है. हेमंत दास ने बताया, विवाहेतर संबंध के बारे में पता चलने के बाद मैंने शिकायत दर्ज करवाई थी. यह केवल शक नहीं था, बल्कि में अच्छी तरह सब कुछ जानता था. अप्रैल या मई 2023 में मुझे उनके अफेयर के बारे में पता चला. महालक्ष्मी ने अशरफ के बारे में कुछ भी नहीं बताया था.

हेमंत ने बताया कि वह मोबाइल फोन की दुकान में काम करता है . महालक्ष्मी से लगभग 1  महीना पहले वह दुकान पर मिला था. 22 सितंबर को कर्नाटक पुलिस को व्यालिकावल इलाके के एक फ्लैट से महालक्ष्मी के शव के टुकड़े फ्रिज से मिले थे. कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा कि मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आरोपी के बारे में जानकारी इकट्ठी कर ली गई है लेकिन फिलहाल हर जानकारी दी नहीं जा सकती.

पुलिस और अन्य लोग जब कमरे में दाखिल हुए तो दिल दहला देने वाला मंजर था. फर्श पर कई मांस के टुकड़े बिखरे पड़े थे. पहले तो पुलिस भी उलटे पांव कमरे से बाहर हो गई. इसके बाद फरेंसिक टीम को बुलाया गया. फरेंसिक टीम को भी शव के टुकड़ों को समेटने के लिए अस्पताल के मेडिकल स्टाफ का सहारा लेना पड़ा.

कमरे का दरवाजा 19 दिनों से बंद था. 21 सितंबर को दोपहर करीब साढ़े 3 बजे यह दरवाजा खुला था. महालक्ष्मी 5 महीने पहले यहां किराएदार के दौर पर रहने के लिए आई थीं. वह सुबह 9 या 10 बजे के करीब घर से निकल जाती थीं और रात में भी 9 बजे के आसपास  लौटती थीं. महालक्ष्मी का फोन 2 सितंबर के बाद से ही स्विचऑफ हो गया था.

बदबू आने पर मकान मालिक ने सबसे पहले महालक्ष्मी की मां को फोन किया था. उनके पास कमरे की दूसरी चाबी थी. मकान मालिक और पड़ोसियों की मौजूदगी में दरवाजा खोला . बदबू इतनी थी कि पहले तो सब बाहर की ओर भागे. कमरे में खून के निशान थे और मांस के टुकड़े पड़े थे. पुलिस को सूचना दी गई. जब पुलिस किसी तरह कमरे के अंदर गई तो देखा कि फ्रिज के ऊपरी खाने में इंसानी पैर रखे थे और सबसे नीचे के खाने में सिर रखा था. तलाशी में पुलिस को बेड पर महालक्ष्मी का फोन मिल गया. पता चला कि 2 सितंबर को आखिरी बार इस फोन से कॉल की गई थी.