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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह-मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने वर्चुअल मोड के माध्यम से सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया. इस अवसर पर न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों और खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद करते हुए लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया और उन्हें अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रोत्साहित किया.

मुख्य न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में नेशनल लोक अदालत के संबंध में गठित दोनों खण्डपीठों का भी भ्रमण किया और अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल न्यायालयीन कार्यवाहियों में आधुनिक तकनीक के उपयोग को दर्शाती है, जो पक्षकारों में विश्वास सृजित करेगी और लोक अदालत को अधिक विश्वसनीयता प्रदान करेगी.

उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्वारा नेशनल लोक अदालत की तैयारियों के संबंध में सभी जिले के प्रधान जिला न्यायाधीशों के साथ बैठक कर सतत् पर्यवेक्षण करते हुए मार्गदर्शन दिया गया था. मुख्य न्यायाधिपति के छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में पदभार ग्रहण करने के उपरांत से छत्तीसगढ़ में शीघ्र सुलभ व सस्ता न्याय की अवधारणा को साकार करते हुए लोगों को लोक अदालत के माध्यम से त्वरित न्याय प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो पा रहा है.

छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों में आयोजित नेशनल लोक अदालत में 8 लाख 84 हजार से अधिक मामलों का निराकरण करते हुए 229 करोड़ रूपये से अधिक का अवार्ड पारित किया गया. इस नेशनल लोक अदालत में यह महत्वपूर्ण रहा है कि सुकमा जिले में बाढ़ के कारण पक्षकार जिला न्यायालय तक नहीं आ पाए उन पक्षकारों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़कर प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया.

मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्वारा उच्च न्यायालय में गठित लोक अदालत की दोनों खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्तिगण व सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया है. मुख्य न्यायाधिपति द्वारा राज्य के सभी सम्मानित प्रधान जिला न्यायाधीशगणों और नेशनल लोक अदालत के संबंध में राज्य में गठित सभी खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों और खण्डपीठ के सदस्यों, राजस्व अधिकारियों, पुलिस प्रशासन सभी न्यायालयीन कर्मचारियों के साथ-साथ सभी पैरालीगल वालंटियर, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा पक्षकारों और अन्य सभी लोगों जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस नेशनल लोक अदालत को एतिहासिक रूप से सफल बनाने में योगदान दिया है, उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है.