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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में राजमिस्त्री की हत्या के मामले में आरोपी के घर बुलडोजर चलाने की आदेश पर रोक लग गई है। हाईकोर्ट ने प्रशासन को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच में हुई, जहां आरोपी के परिजनों ने नोटिस की वैधता पर सवाल उठाए।
सीतापुर नगर पंचायत क्षेत्र के पानी की टंकी में मिले राजमिस्त्री के शव के बाद प्रशासन ने मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय के मकान पर 11 सितंबर को नोटिस चस्पा किया था। इस नोटिस में भवन निर्माण की अनुमति प्रस्तुत करने के लिए 3 दिन का समय दिया गया था, साथ ही कार्रवाई न करने पर बुलडोजर की चेतावनी दी गई थी।
आरोपी के परिजनों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अर्जेंट सुनवाई की याचिका दाखिल की। उनका कहना था कि मात्र 3 दिन का समय दिया जाना अनुचित है और उन्होंने इस निर्माण की अनुमति पहले ही प्राप्त कर ली थी। इस पर हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद सीएमओ के आदेश पर रोक लगाई और दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया।
तीन महीने पहले मैनपाट में सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकी के नीचे राजमिस्त्री का शव मिला था, जिसमें ठेकेदार अभिषेक पांडेय और उसके साथियों पर हत्या कर दफनाने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।