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कोरबा/कटघोरा 20 जुलाई 2024 : यातायात को सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए बने हाईवे पर सुविधाओं के नाम पर टोल टैक्स लिया जाता है, लेकिन कोरबा जिले के रजकम्मा टोलप्लाजा जो कि नेशनल हाइवे 130 मे संचालित है, जहा पर कर्मचारी द्वारा ओवर लोड वाहन पर अवैध वसूली कर बड़े माल वाहक को परेशान किया जा रहा हैं। यह खेल लम्बे समय से चल रहा है, वही मीडिया कि टीम ने मौके पर पहुंच कर चालकों कि समस्या को जाना व समस्या को बारिकी से समझा और इस मामले को लेकर नेशनल हाईवे प्रबंधन से की बात।

रजकम्मा टोल प्लाजा में नेशनल हाईवे द्वारा काटा घर पर वजन कराने खड़ा एक ट्रेलर पिछले 5 घंटे से खड़ा है वह इसलिए क्योंकि इसका चालक पेनाल्टी शुल्क से अधिक शुल्क नहीं देना चाहता, लेकिन कांटा इंचार्ज बिना पर्ची के अधिक शुल्क देने कि बात पर अड़ा रहा, वही ज़ब मामले कि जानकारी स्थानीय मीडिया को लगी तब मौके पर जाकर ड्राइवर से जानकारी ली, उसने कहा कि घंटो समय से रोका गया है जबकि हर बार पेनाल्टी शुल्क दिया जा रहा है लेकिन हर बार ही इनके शुल्क मनमाने तौर पर बढ़ते जा रहे हैं, और तो और मानक क्षमता से दो टन अधिक भी इस कांटा को बढ़ाया गया है जहा दूसरे कांटा घर पर वजन मे डिफरेंट भी होती है।

आपको बता दे कि एन एच के नियम मे वाहन के कुल पासिंग से 20% ओवर लोड का 265 रु पेनाल्टी चार्ज लगाया जाता है, और अगर 20% से अधिक ओवर लोड हुआ तो 795 रु का पेनाल्टी चार्ज लगाए जाने का प्रावधान है। सामान्य शब्दों मे यह कहा जा सकता है कि ट्रकों के कुल पासिंग टन से दस टन तक का ओवर लोड है तो 265 रु का पेनाल्टी लगेगा और अगर दस टन से अधिक का माल है तो 795 रूपये का पेनाल्टी लगेगा। लेकिन टोल प्लाजा संचालक की मनमानी तो देखिये काटा इंचार्ज साहब ने एक तो वाहन को डेढ़ बजे से अधिक लगभग 5 घंटे कांटा पर खड़ा किया, साथ ही 58 टन कि पासिंग माल वाहन मे 65 टन माल का 795 रूपये का पेनाल्टी लगा रहा था। ज़ब मिडिया ने इसे बारीकी से परखा तो दूध का दूध और पानी का पानी साबित हो गया। जहा कम्प्यूटर की खराबी व काटा काम नहीं करने के बहाने भी झूठ साबित हुए, वही मामले मे टोल प्लाजा के मैनेज़र अभिषेक भार्गव से ज़ब हमने बात करना चाहा तो उनके कर्मचारी उन्हें मौके पर उपस्थित नहीं होना बताया जबकि काटा इंचार्ज ही मैंनेजर अभिषेक भार्गव थे, जो अवैध वसूली का गोरख धंधा कर रहे थे, जबकि उनके ही द्वारा अपने आप को कोरबा चले जाना बताया गया।

फिलहाल मिडिया के पहुंचने के बाद इस वाहन को तो नियम के तहत मानक शुल्क देकर जाने तो दे दिया गया लेकिन क्या इस मामले मे अवैध वसूली का खेल हमेशा के लिए खत्म होगा यें गौर करने वाली बात होंगी।