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कोरबा 2 सितंबर ( KRB24NEWS ) : यूरिया बिक्री में सहकारी समितियों द्वारा किये जा रहे अनियमितता वाली खबरों पर कलेक्टर श्रीमती कौशल ने संज्ञान लेते हुए जिम्मेदारो पर बड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उपसंचालक कृषि ने उप-पंजीयक सहाकारी संस्थाएं जिला कोरबा को पत्र लिखकर अनियमितता करने वाले दो सहकारी समितियों के प्रबंधकों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। उपसंचालक कृषि ने बताया कि दो सहकारी समितियों में यूरिया बिक्री में अनियमितता पाया गया हैं। उन्होने बताया कि एमएफएमएस उर्वरक पोर्टल पर जिले के यूरिया खरीददारो किसानों की इंट्री की जाती है। उर्वरक पोर्टल पर जिले के टाॅप 20 यूरिया खरीददारों किसानों की रिकाॅर्ड की जांच की गई। किसानों द्वारा जिन संस्थानों से यूरिया की खरीदी की गयी उनकी जांच भी की गई। किये गये जांच में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति उतरदा और दूरपा द्वारा यूरिया बिक्री में अनियमितता किया जाना पाया गया। उक्त संबंध में प्रभारी प्रबंधक उतरदा श्री घनश्याम जयसवाल और समिति प्रबंधक दुरपा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। कारण बताओ नोटिस का जवाब प्रबंधकों द्वारा प्रस्तुत किया गया, जवाब संतोष जनक नही पाया गया। उपसंचालक कृषि ने बताया कि जवाब संतोष जनक ना पाए जाने पर दोनों समितियों की लाइसेंस निरस्त किये जाने की कार्यवाई की जानी थी लेकिन खरीफ सीजन में कृषकों को उर्वरक आपूर्ति हेतु असुविधा ना हो इसको ध्यान में रखते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण नहीं किया गया है। उपसंचालक कृषि ने बताया कि अनियमितता पाये जाने पर दोनो समितियों के प्रभारी प्रबंधकों के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला कोरबा से की गई है।

उर्वरक पंजीयन अधिकारी ने जांच में बताया कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति उतरदा द्वारा कृषक श्री लकेश्वर मरकाम उतरदा को 242 बोरी, श्री टिकैत राम यादव उतरदा को 340 बोरी, श्री जगमोहन कंवर को 200 बोरी, श्री संतोष कुमार रात्रे जोरहाडबरी को 200 बोरी तथा श्री विश्वजीत पेंड्रो ओझियाइन को 200 बोरी यूरिया बिक्री किया गया। खरीदी करने वाले किसानों के पास उनके द्वारा लिए गए यूरिया की मात्रा के अनुपात में खेतीहार भूमि का होना नहीं पाया गया है। इसी प्रकार आदिमजाति सेवा सहकारी समिति दुरपा(कनबेरी) द्वारा किसान श्री मंगल सिंह कनबेरी को 202 बोरी, श्री बलदेव सिंह कंवर को 200 बोरी, श्री दिलहरन सिंह कंवर को 202 बोरी तथा श्री दिलबहार सिंह कंवर कनबेरी को 203 बोरी यूरिया की बिक्री किया गया। खरीदी करने वाले किसानों के पास उनके द्वारा लिए गए यूरिया की मात्रा के अनुपात में खेतीहार भूमि का होना नहीं पाया गया। उपसंचालक कृषि ने बताया कि दोनों समितियों के प्रबंधकों का कृत्य उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 द्वारा निर्धारित नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, साथ ही सिविल सेवा आचरण 1965 के नियम 3 के तहत कदाचार की श्रेणी में आता है।

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