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कोरबा पाली/ 13 जून 2024(KRB24NEWS):
छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के शिक्षाविद् एवं कल्पना फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. गजेंद्र तिवारी का मानना है कि वर्तमान युग शिक्षा का यूग है हर कोई शिक्षा को प्राप्त करना चाहता है चाहे वह पुरुष या फिर महिला हर कोई शिक्षा को प्राप्त करना चाहता है भारतीय संस्कृति में महिलाओं को माता जैसे विशेष शब्दों से संबोधित किया गया है या फिर कहा जा सकता है कि महिलाओं को देवियों का रूप माना गया है तत्पश्चात अर्थात कुछ दशक पहले महिलाओं को मात्र घर का कामकाज करने के लायक ही माना जा रहा था लेकिन अभी वर्तमान समय में आधुनिक विचारधारा को अपनाते हुए उन्हें शिक्षा के रास्ते अग्रसर कर रहे हैं l शिक्षा से प्रकृति ने महिलाओं को मानसिक रूप से इतना सशक्त बनाना है कि वह पुरुषों की अपेक्षा हर काम को बहुत अच्छी तरह से कर सकती हैं प्रकृति को पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं पर अधिक विश्वास है इसलिए प्रकृति ने बच्चा महिलाओं के पेट में दिया है क्योंकि प्रकृति प्रगति करने में कोई भी तरह की बाधा नहीं चाहती थी मैं ऐसा मानता हूं कि यदि भारतीय महिलाओं ने स्वतंत्रता का सपना अपने दिल और दिमाग में नहीं सजाया होता तो शायद आज भी हमारा देश गुलाम ही रहा होता क्योंकि वह महिलाएं ही होती है जो अपने बच्चों के दिल और दिमाग में वह सब कुछ भर सकती है जो पुरुष शायद जिंदगी भर में भी नहीं भर सकते हैं इसका कारण यह है कि वह महिलाएं ही दुआ करती हैं जो अपने बच्चों को समझ आने के पहले यह समझा देती है कि आपको क्या समझना है वह महिलाएं ही दुआ करती है जो अपने बच्चों को सोचने की क्षमता आने से पहले यह समझा देती है कि आपको क्या सोचना है इत्यादि अनेक कारण है मैं ऐसा मानता हूं कि जितने भी महापुरुष हुए हैं यदि उनकी माताओ ने अपने दिल और दिमाग में स्वतंत्रता का स्वप्न नहीं सजाया होता तो शायद उनके पुत्र महापुरुष नहीं बन सकते थेप्रकृति ने महिलाओं को शारीरिक दृष्टि के अनुसार कमजोर नहीं बनाया होता तो चंद्रगुप्त मौर्य छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे वीर पुत्र को जन्म कौन देता इसका कारण यह है कि महिलाओं का गर्भाशा जितना अधिक लचीला होता है पुत्र उतना ही अधिक शारीरिक और मानसिक रूप से कुशल होता है इसलिए प्रकृति ने महिलाओं को शारीरिक दृष्टि से के अनुसार कमजोर बनाया है जो की उचित ही है l डॉक्टर तिवारी का मानना है कि गर्ल्स एजुकेशन से महिलाओं को अपने अधिकारों का ज्ञान होता है महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होती हैं शिक्षित महिलाएं दूसरों की शिक्षा को बढ़ावा देती है समाज का भविष्य बेहतर होता है देश के आर्थिक विकास में सहायक होती है घरेलू हिंसा की आशंका कम होती है बाल विवाह की आशंका कम होती है लिंग भेद को कम करने में सहायक होती है महिलाएं शिक्षित होने के कारण घर की आधी से ज्यादा समस्याओं का समाधान स्वयं हो जाया करता है समाज जागरूक होता है जाति पाति का मतभेद कम होता है एक शिक्षित महिला होने पर संपूर्ण पीढ़ी शिक्षित हो सकती है।डा.गजेंद्र तिवारी ने बताया कि कल्पना फाउंडेशन के तहत मातृशक्ति के विकास और मजबूत सामाजिक बुनियाद के लिए छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली में निशुल्क बालिका शिक्षा कक्षा पहली से 12वीं तक मुहैया कराई जा रही है गत वर्ष 53 छात्राएं इस सुविधा का लाभ ले रही हैं l



