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कोरबा 23 जून, शिवशकर जायसवाल ( कोरबा 24 न्यूज़ ) : जिला स्तरीय निजी स्कूल संघ द्वारा 7 सूत्री आवेदन जिला कलेक्टर कार्यालय में दिया गया । साथ मे सी एम के नाम से आवेदन दिया गया । जिसमें मार्च एवं अप्रैल माह 2020 मासिक शुल्क शासन के आदेश अनुसार पालको से समय पर न् लेना, स्कूल स्टाफ को 2 माह का भत्ता देना मुश्किल हो गया है। निजी स्कूलों में टीचर स्टाफ के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है । उसके परिवार के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है । कोरबा जिले में 291 निजी स्कूलों में लगभग 45000 से अधिक बच्चे अध्ययनरत है । जिसमें 3000 से अधिक टीचर स्टाफ रोजगार से जुड़े हुए हैं । निजी स्कूलों के फीस का निर्धारण स्कूल प्रबंधन एवं स्कूल मैनेजमेंट कमेटी द्वारा तय किया जाए ना कि अन्य कमेटियों के द्वारा। निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की सहमति के साथ जुलाई माह से चालू की जाए एवं उन्हें अभिभावकों से फीस लिया जाए जो की फीस देने में सक्षम हो। ताकि स्कूल संचालन एवं बच्चों की पढ़ाई जारी रखी जा सके। लॉकडाउन के दौरान कई अखबारों में न्यूज़ प्रकाशित हुआ था , कि स्कूल में फीस नहीं देना है अधिकांश पालक फीस देने में तैयार नहीं है , अब यह आदेश दिया जाए कि लॉकडाउन के दौरान का शुल्क स्कूलों में सुविधा अनुसार दिया जावे। आरटीआई की राशि का स्कूल शिक्षा सत्र समाप्त होने के 15 दिन बाद सीधे खाते में ऑनलाइन दी जावे । ताकि दुरस्त स्कूलों के लोगों को आरटीआई की राशि का चेक लेने के लिए कई बार कोरबा कार्यालय का चक्कर न काटना पड़े और पढ़ाई भी बाधित ना हो कई बार चेक के लिपिकीय त्रुटि होने के कारण उन्हें कई बार बैंक या ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं जिससे स्कूल में पढ़ाई व्यवधान उत्पन्न होती है

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