Share this News
कटघोरा 23 जून (कोरबा 24 न्यूज़) आज भारतीय जनता पार्टी मंडल कटघोरा के समस्त कार्यकर्ता डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी जन संघ के संस्थापक थे उनकी आज पुण्यतिथि है इस कड़ी में आज हनुमान गढ़ी में वृक्षारोपण किया व उनके किए गए कार्यों को याद किया इस कार्यक्रम में नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती ललिता डिक्सेना, पवन अग्रवाल, मंडल अध्यक्ष धनु दुबे, पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय शर्मा जी, राजेंद्र टंडन, अभिषेक गर्ग,मंडल मंत्री मनोज नायडू ,पार्षद शरद गोयल, मीडिया प्रभारी नवीन गोयल,सह प्रभारी आलोक पांडेय, कोषाध्यक्ष अजय धनोड़िया, राकेश पांडेय, सच्चिदानंद तिवारी, सुनील खांडे, मुरली साहू ,अर्चना अग्रवाल, ममता अग्रवाल,अभिलाष पांडेय, किशन केसरवानी, समजीत ,तुषार साहू ,साकेत वर्मा, हरबनश पनेशर,विजय डिक्सेना,जियगंशु जायसवाल, लखु देवांगन उपस्थित रहे । मंडल अध्यक्ष धनु दुबे ने बताया कि जन संघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से आजादी की अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। डॉ. मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी थे। उन्होंने बहुत से गैर कांग्रेसी नेताओं की मदद से कृषक प्रजा पार्टी से मिलकर प्रगतिशील गठबन्धन का निर्माण किया। इस बंगाल की प्रान्तीय सरकार में वे वित्तमन्त्री बने। इसी समय वे राष्ट्रवाद के प्रति आकर्षित हुए और हिन्दू महासभा में सम्मिलित हुए।
डॉ. मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू-कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहाँ का मुख्यमन्त्री अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में डॉ. मुखर्जी ने धारा−370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊँगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नजरबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ. मुखर्जी देह से तो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका बलिदान हमें मातृ भूमि के लिए जीने की प्रेरणा सदैव देता रहेगा।