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विश्व आदिवासी दिवस में शामिल होने जा रहे 30 लोगों पर काल का ऐसा चक्र पड़ा कि वह हादसे का शिकार हो गए. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई. जबकि 13 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस हादसे की एक कहानी ऐसी भी जिसे पढ़कर आप रोने को मजबूर हो जाएंगे. इस दुर्घटना के बाद जब दंतेवाड़ा में डीआरजी के जवान रेस्क्यू कर रहे थे तब एक जवान के हाथ में उसकी मां का शव आ गया. वह जवान अपनी मां की डेड बॉडी देखकर फूट फूट कर रोने लगा.
दंतेवाड़ा(KRB24NEWS): जिले में सड़क हादसे की घटना से मातम पसरा हुआ है. यहां विश्व आदिवासी दिवस में शामिल होने जा रहे 30 लोगों में से 4 लोग, ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से काल के गाल में समा गए. दुर्घटना के बाद पूरे टेलम इलाके में चीख पुकार मच गई. ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में पलटी हुई थी. डीआरजी के जवान सूचना पाकर रेस्क्यू के लिए पहुंचे. इसमें एक जवान जब लोगों की मदद कर रहा था और शव निकालने का काम कर रहा था तब उसके हाथ में उसकी मां की लाश आ गई.
यह देखकर जवान हक्का बक्का रह गया. वह फूट फूटकर रोने लगा. उसे कुछ सूझ नहीं रहा था कि वह क्या करे. जिस मां से सुबह मिलकर वह निकला था. उसकी लाश उसे दोपहर में मिल जाएगी वह अपनी मां का मरा हुआ मुंह देखेगा ऐसा उसने कभी सोचा नहीं था. इस घटना को जो भी जिले में सुन और पढ़ रहा है उसकी आंखों से आंसू की धार बह रही है.
दंतेवाड़ा सड़क हादसे के दौरान कटेकल्याण में सर्चिंग टीम पर निकली डीआरजी की टीम जब घटना स्थल पर पहुंची. तो उसमें जवान वसु भी शामिल था. वह ट्रैक्टर में फंसी एक महिला के शव को निकाल रहा था. लेकिन महिला का चेहरा कीचड़ से सना हुआ था.
जब उसने महिला के चेहरे से कीचड़ को हटाया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. क्योंकि जो शव उसके हाथ में था वह उसकी मां का शव था. उसकी मां भी उसी ट्रैक्टर में सवार होकर विश्व आदिवासी दिवस मनाने जा रही थी. डीआरजी के जवान वसु ने अपनी मां को खोया है. जिसको धैर्य दिलाने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष तूलिका कर्मा तत्काल जवान के पास पहुंची और उसे धैर्य दिलाया.