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कोरबा/पोंडी उपरोड़ा 15 जुलाई : पंचायती राज व्यवस्था को लेकर विभिन्न क्षेत्रों से अजब गजब सूचनाएं काफी समय से मिलती रही हैं. इसी बीच जिले के सबसे बड़े विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा में पंचायत के द्वारा ली गई बैठक चर्चा में है। खास बात यह है कि जरूरी प्रयोजन से बुलाई गई बैठक सरपंच के बजाय उसके पति ने ली। इसमें काफी लोग असामान्य स्थिति में थे ऐसा दावा किया जा रहा है.

महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण पंचायतों में दिया गया है. इसके अंतर्गत पोड़ी उपरोड़ा पंचायत मैं सरपंच पद अनिता कंवर निर्वाचित हुई हैं. नियमों के अनुसार पंचायत की बैठक लेने के लिए यही अधिकृत हैं और इसी नियम का पालन बैठकों से लेकर हर कार्यों में होना चाहिए. इसके बावजूद देखने को मिल रहा है कि कई मौकों पर सरपंच के बजाय उनके पति अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप करते हैं और नियमों से खिलवाड़ करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते. जानकारी के अनुसार पोड़ी उपरोड़ा पंचायत में ऐसी ही एक बैठक बुधवार को संपन्न हुई. बताया गया कि धर्मांतरण को लेकर हाल में ही शिकायत प्राप्त हुई थी. इस बारे में पंचायत को अवगत कराया गया था और इस संबंध में चर्चा करने को कहा गया था। इसी कड़ी में आयोजित बैठक में सरपंच नदारद थी बल्कि उनके उनके पति ने पूरा दारोमदार संभाला. सूत्रों ने बताया कि बैठक में कुछ लोग सामान्य स्थिति में नहीं थे, आखिर ऐसा क्यों हुआ यह समझ से परे है। समझा जा सकता है कि जब बैठक में भागीदारी करने वाले लोगों का चेतना तंत्र बेहतर नहीं होगा, तो वह आखिर गंभीर विषयों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ कैसे चर्चा कर सकते हैं.

कोरोना प्रोटोकॉल को भूल बैठक हो रही आयोजित

पूरा विश्व अभी कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक तरह उबरा नहीं कि लोग लापरवाही बरतने से बाज़ नहीं आ रहे हैं. पोंडी उपरोड़ा ग्राम पंचायत की बैठक में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए लेकिन वे सभी कोरोना प्रोटोकॉल को भूल गए. यहां सभी बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिग के नज़र आये. अब इस तरह की बैठक में साफ जाहिर हो रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को स्वयं लोग ही आमंत्रित कर रहें हैं. जनपद पंचायत से पूर्णतः निर्देशित किया गया है कि किसी प्रकार की पंचायत बैठक में शासन के कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है. लेकिन ऐसा नही हो रहा है..

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