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कोरबा 13 जुलाई : विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के अमलडीहा संकुल के अंतर्गत शाहीपुर में शासन द्वारा प्राथमिक शाला खोला गया है जहां पर 2 शिक्षक की पदस्थापना हुई थी लेकिन यहां एक शिक्षक के प्रमोशन होने पर अन्य जगह स्थानांतरण पर चले जाने के बाद एक शिक्षक द्वारा प्राथमिक शाला शाहीपुर का संचालन किया जा रहा है लेकिन शाहीपुर का प्राथमिक शाला 1 वर्षों से बंद पड़ा हुआ है. शिक्षक की मनमानी से वो पिछले एक वर्ष से स्कूल नहीं आ रहा है.
लेकिन शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते यहां के संकुल प्रभारी के द्वारा आज तक किसी प्रकार से गाँव पहुंचकर यहां के प्राथमिक शाला का निरीक्षण कर जानकारी नहीं ली गई. स्कूल बंद होने के कारण ग्रामवासी अपने बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित हैं अब उनके सामने बच्चों को दूसरी जगह पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं
शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार लापरवाही बरतने वाले शिक्षक के ऊपर शासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. सूत्रों ने बताया कि जटगा चौकी प्रभारी द्वारा शासकीय दस्तावेज लेने गए स्कूल हुए थे तब यह जानकारी मालूम हुआ जटगा चौकी प्रभारी द्वारा ग्राम वासियों को पूछे जाने पर ग्रामवासी द्वारा बताया गया कि यह 1 वर्षों से स्कूल बंद है शासन द्वारा अनेक प्रकार की छात्रों के लिए योजना चलाया जा रही है लेकिन ग्रामवासियों के बच्चों को किसी प्रकार की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
BEO के आदेश पर संकुल प्रभारी ने अटैच किया दूसरे स्कूल
मीडिया द्वारा जब शाहीपुर में पदस्थ शिक्षक वीरेंद्र कुमार साहू से इस लापरवाही की जानकारी ली गई तो उन्होंने अपनी सफाई में बताया कि संकुल प्रभारी के द्वारा BEO पोंडी उपरोड़ा के आदेश पर उन्हें पँचधार के स्कूल में अटैच कर दिया गया था और उनके आदेश से ही कोरोना की ड्यूटी भी लगाई गई थी इसकी वजह से वे पिछले 1 साल से शाहीपुर के स्कूल नही जा पाए है और उनकी लापरवाही नहीं होना बताया.
अब देखना होगा कि अधिकारियों की इतनी बड़ी लापरवाही पर जिला प्रशासन क्या रुख अपनाता है. अभी हाल ही में अटैचमेंट को लेकर कोरबा के जिला शिक्षा अधिकारी तथा पोंडी उपरोड़ा के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पर जिला कलेक्टर रानू साहू ने सख्त एक्शन लेते आदेश जारी किया था जिसमें सख्त निर्देशित किया गया है कि बिना कलेक्टर अनुमति के संलग्नीकरण नही होगा.