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छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों के बाहर इन दिनों एडमिशन के लिए लंबी लाइन लगी हुई है. आखिर क्या खास है इन सरकारी स्कूलों में, किसके नाम पर रखा गया है विद्यालयों का नाम, क्या सुविधाएं हैं यहां कि माता-पिता अपने बच्चों को यहीं पढ़ाना चाहते हैं ?

रायपुर: सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही जो इमेज आपके दिमाग में आती है, वो छत्तीसगढ़ आकर बदल सकती है. यहां के गर्वमेंट इंग्लिश स्कूल प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं. स्कूल में बेहतर इन्फ्रॉस्ट्रक्चर, अच्छे सब्जेक्ट टीचर्स, एक छत के नीचे हर सुविधाएं और मुफ्त में क्वॉलिटी एजुकेशन मिलने के कारण स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में एडमिशन लेने की होड़ लगी हुई है. कौन हैं स्वामी आत्मानंद ? क्यों इनके नाम पर सरकार ने शुरू किए हैं सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल और क्यों लगी है यहां एडमिशन के लिए लंबी लाइन इस रिपोर्ट में हम आपको सब बताएंगे.

पहली क्लास के लिए प्रदेशभर में आए 35 हजार आवेदन

छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाने और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अंतर्गत सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए. जहां सर्व सुविधा के साथ-साथ अच्छे शिक्षण की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. जिसका असर ये हो रहा है कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी मीडियम स्कूल में आवेदन के लिए मारामारी मची हुई है. छत्तीसगढ़ में इस साल कुल 171 स्कूल खुल चुके हैं. लगातार ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन आने का सिलसिला जारी है. कक्षा पहली के लिए 4748 सीटें हैं. लेकिन अब तक ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर 35000 आवेदन पहली कक्षा के लिए किए जा चुके हैं. पूरे प्रदेश में 171 स्कूलों में कक्षा पहली से बारहवीं तक के लिए 51 हजार 467 सीटें उपलब्ध हैं लेकिन अब तक इन सीटों के लिए 1 लाख 25 हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं.

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प्रैक्टिकल लैब

222 सीट के लिए करीब साढ़े 3 हजार आवेदन

रायपुर के स्वामी आत्मानंद शहीद स्मारक उत्कृष्ट विद्यालय में पहली से बारहवीं तक के लिए 222 सीट निर्धारित की गई है. लेकिन यहां करीब 3497 आवेदन आए हैं. इसी तरह रायपुर जिले के अन्य स्कूलों में भी इसी तरह की होड़ मची हुई है.

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स्टाफ रूम

रायपुर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में एडमिशन की होड़ लग गई है. एक नजर डालते हैं राजधानी रायपुर के स्कूलों में कक्षा पहली से 12वीं तक के लिए मिले आवेदनों पर:

स्कूलकुल सीटआवेदन
बीपी पुजारी स्कूल राजातालाब1641756
शहीद स्मारक विद्यालय फाफाडीह2223497
पंडित आर डी तिवारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल1702788
स्वामी आत्मानंद विद्यालय माना कैंप6401896
माता बिन्नी बाई सोनकर विद्यालय भाटागांव6405936
स्वामी आत्मानंद विद्यालय अभनपुर640626
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय आरंग640654
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय कुरा640518
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय तिल्दा640597

स्वामी आत्मानंद शहीद स्मारक अंग्रेजी मीडियम स्कूल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल

बच्चों के लिए सुंदर फर्नीचर

स्कूल में इन्फ्रॉस्ट्रक्चर की बेहतर व्यवस्था के साथ-साथ बच्चों के बैठने की बेहतर व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही स्कूल में नए और बेहद ही अट्रैक्टिव फर्नीचर लगाए जा रहे हैं. स्कूल में बच्चों को बेहतर सुविधाओं के लिए स्कूल को पूरी तरह से रिकंस्ट्रक्ट किया गया है.

लाइब्रेरी और हाईइक्यूपमेन्ट लैब

स्कूल में छात्रों के प्रैक्टिकल के लिए हाई इक्विपमेंट वाले लैब तैयार किए जा रहे हैं. जिनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी के लिए अलग-अलग लैब तैयार किए गए हैं. जिनमें फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी के लिए अलग-अलग लैब तैयार किए गए हैं.

इनडोर और आउटडोर गेम्स

बच्चों के लिए इनडोर और आउटडोर दोनों तरह के खेल की व्यवस्था भी स्कूल में है. जहां स्कूल खुलने पर बच्चे अपनी-अपनी पसंद के अनुसार खेल सकते हैं. इनडोर गेम्स में भी बौद्धिक क्षमता वाले खेलों को बढ़ावा दिया गया है. आउटडोर गेम्स में बच्चों के लिए फिजिकल एक्टिविटीज ज्यादा रखी गई है.

स्कूल में बेहतर सब्जेक्ट टीचर्स

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में छात्र-छात्रों के अच्छे शिक्षण के लिए बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति स्कूल में की गई है. सब्जेक्ट और इंगलिश मीडियम के टीचर्स अपॉइंट किए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान स्कूल बंद होने के बाद भी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है.

इन बच्चोंं को मिलेगी प्राथमिकता

  • स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल के लिए भारी संख्या में ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन मिलने के बाद सरकार ने कैटेगरी तैयार की है. इसके आधार पर छात्र- छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा.
  • स्कूल में प्रवेश के लिए बालिकाओं की प्राथमिकता दी गई है.
  • हर क्लास में खाली सीटों पर 50 प्रतिशत बालिकाओं की भर्ती की जाएगी.
  • 50 प्रतिशत सीटें बालिकाओं के लिए आरक्षित रहेगी.
  • महतारी दुलार योजना के अंतर्गत कोरोना के कारण जो बच्चे अनाथ हुए हैं उन्हें विशेष प्राथमिकता से स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा.

प्राइवेट स्कूल की तरह हर फैसिलिटी

स्वामी आत्मानंद शहीद स्मारक अंग्रेजी मीडियम स्कूल की प्रिंसीपल शोभा नायर . उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए काफी अच्छा कदम उठाया है. स्कूल की पूरी व्यवस्था किसी प्राइवेट स्कूल की तरह है. स्कूल में फर्नीचर, लाइब्रेरी की बेहतर व्यवस्था है. हाई इक्विप्मेंट लैब बनाए गए है. एडमिशन ऑनलाइन हो रहा है. सभी पैरेंट्स स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में अपने बच्चों को एडमिशन दिलाना चाह रहे हैं. यही वजह है कि एडमिशन के लिए काफी एप्लीकेशन आ रहे हैं.

‘छत्तीसगढ़ के बच्चों का भविष्य बनाने की सरकार की कोशिश’

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि हर माता-पिता का सपना होता है कि वे अपने बच्चों को अच्छी और ऊंची शिक्षा दे. लेकिन प्राइवेट स्कूलों में महंगी फीस होती है. जिसके वजह से ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को इंगलिश मीडियम में नहीं पढ़ा पाते हैं. माता-पिता की इसी परेशानी को देखते हुए प्रदेश के बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की. जहां लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है. स्कूल में बच्चों की भर्ती के लिए 10 गुना आवेदन आ रहे हैं. टेकाम ने बताया कि हमारी कोशिश है कि सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले. इस दिशा में काम किया जा रहा है. ताकि छत्तीसगढ़ के बच्चे किसी भी तरह से वंचित ना रहे और अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवार सकें.

कौन हैं स्वामी आत्मानंद, जिनके नाम पर शुरू हुए स्कूल ?

स्वामी आत्मानंद रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर के संस्थापक थे. उनका विद्यार्थी जीवन बड़ा मेधावी था उन्होंने सन 1951 में नागपुर विश्वविद्यालय से मैथमेटिक्स में एमएससी की उपाधि प्राप्त की और सर्वाधिक अंक पाने के कारण उन्हें स्वर्ण पदक मिला. इसके बाद उन्होंने रामकृष्ण मिशन में प्रवेश लिया तब से लेकर वे अपने जीवन के अंतिम क्षण तक रामकृष्ण मिशन से जुड़कर सामाजिक सेवा की. स्वामी आत्मानंद एक प्रभावशाली वक्ता और लेखक थे इसके साथ ही अध्यात्म एवं अन्य संबंधित विषयों पर अपने सारगर्भित व्याख्यान के लिए और लेखों के लिए देशभर में विख्यात थे. स्वामी आत्मानंद के निर्देशन पर रामकृष्ण मिशन का प्रसार हुआ. उनके द्वारा मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान में रामकृष्ण विवेकानंद के नाम पर लगभग 20 आश्रम संचालित हो रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने बेहद अधिक कार्य किया और छत्तीसगढ़ में आदिवासी अंचलों के बच्चों के उत्थान और शिक्षा के लिए उन्हें बेहद कार्य किया है.

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