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दंतेवाड़ा जिले में इंद्रावती नदी पर करोड़ों की लागत से दो पुलों का निर्माण किया जा रहा है. कुछ ही दिनों में ब्रिज निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. प्रशासन का दावा है कि ब्रिज बनने के बाद नदी पार की कई पंचायतों में विकास की ‘गंगा’ लगेगी.

दंतेवाड़ा: करोड़ों रुपयों की लागत से दंतेवाड़ा जिले में इंद्रावती नदी पर दो पुलों का निर्माण किया जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि इनसे ना सिर्फ 10 ग्राम पंचायतों के 10 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचेगा बल्कि नक्सलवाद से लड़ने में भी बड़ी कामयाबी मिलेगी. पुल बनने के बाद इंद्रावती पार के गांव मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे. इंद्रावती नदी पर पुल बनने से इलाके के ग्रामीण भी काफी खुश हैं. उनका कहना है कि ये पुल उनके लिए उत्साह और उमंग लेकर आएगा.

600 जवानों की सुरक्षा में बन रहे पुल

छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध नदी इंद्रावती पर करोड़ों की लागत से 2 पुल का निर्माण किया जा रहा है. वर्तमान में इसका कार्य प्रगति पर है और कुछ ही दिनों में पूरा होने वाला है. कड़ी सुरक्षा के बीच पुलों का निर्माण किया जा रहा है. ये पुल कितना खास है इसका पता इसी से चलता है कि पुलिस बल के 600 जवान पुल की सुरक्षा में तैनात हैं, जिनकी देखरेख में निर्माण का काम चल रहा है.

‘पुल बनने से चिकित्सा, शिक्षा, प्रशिक्षा के क्षेत्र में होगा विकास’

ग्रामीणों का कहना है कि इंद्रावती नदी पर पुल बनने से उनका काफी फायदा होगा. इस पुल से चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास होगा. एक ग्रामीण बताते हैं कि इस पुल से आने वाली पीढ़ी जागरूक होगी. लोग बदलेंगे तभी उनके क्षेत्र का विकास होगा. वे नदी पर पुल बनने को लेकर प्रशासन का धन्यवाद दे रहे हैं. उनका कहना है कि इंद्रावती नदी पर पुल बनाने के लिए प्रशासन ने काफी संघर्ष किया है. निश्चित ही शासन-प्रशासन को इसमें सफलता मिलेगी. नदी पार के सभी ग्रामीण शासन-प्रशासन का सहयोग करेंगे.

‘दंतेवाड़ा के लिए ऐतिहासिक धरोहर’

कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि इंद्रावती नदी पर जो पुल बनाया जा रहा है. वह दंतेवाड़ा जिले के लिए ऐतिहासिक धरोहर साबित होगा. जिससे इंद्रावती नदी के उस पार के पंचायतों को काफी फायदा मिलेगा. यहां के गांव मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे. शासन की योजनाएं इन गांवों तक पहुंच सकेंगी. बरसात के दिनों में इंद्रावती पार का क्षेत्र मुख्यालय से कट जाता है. वहां के लोग टापू के रूप में अपना जीवन बिताते हैं. बाकी के दिनों में नदी पार के गांव के लोग जान जोखिम में डालकर नाव या डोंगी से नदी पार करते हैं. जिससे जनधन की भारी हानि होती है.

ब्रिज बनने के बाद नदी पार पंचायतों में प्रशासन लगाएगा कैंप

कलेक्टर दीपक सोनी ने बतया कि इंद्रावती नदी पर 172 मीटर का ब्रिज बन रहा है. जो 15 से 20 दिनों में पूरा हो जाएगा. पाहूनार, मुन्नार, तमनार पंचायतें स्थायी रूप से जिला मुख्यालय से जुड़ेंगी. आवागमन के लिए लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी. ब्रिज बनाने के बाद नदी पार की पंचायतों में प्रशासन कैंप लगाकर वहां के लोगों को शासन की योजनाओं के बारे में बताया जाएगा, जिससे वे शासन की योजनाओं का लाभ ले सके.

छत्तीसगढ़ बनने के बाद नक्सली लगातार बस्तर में विकास के खिलाफ रहे. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ बने 20 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन जिले में अब जाकर इंद्रावती नदी पर पुल बनाने का काम चल रहा है. बस्तर संभाग के लगभग सभी जिलों में इंद्रावती नदी पर पुल बनाए जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि पहले कभी इंद्रावती नदी पर पुल बनाने की मांग नहीं उठी. कई पंचायतों ने नदी पर पुल निर्माण की मांग की. लेकिन जब-जब नदी पर पुल बनाने की मांग उठी. नक्सलियों ने खूनी खेल शुरू कर दिया. हालांकि इसके बाद पुल की मांग और ज्यादा तेजी से उठने लगी. अब वो दिन दूर नहीं है जब जल्द ही इंद्रावती नदी पर बने ब्रिज पर चहलकदमी शुरू हो जाएगी.

बस्तर में बन रहे 4 नए पुल

बस्तर में इंद्रावती नदी नक्सलियों और सरकार के बीच बड़ी सीमा का विभाजन करती है. खासकर मध्य और दक्षिण बस्तर इलाके में यहां बारिश और अधिकांश समय नदी में ज्यादा पानी होने की वजह से सरकारी सिस्टम दूसरे इलाके में पहुंचता नहीं और यहां नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती है. आने वाले समय में इंद्रावती नदी पर बन रहे 4 बड़े पुल नक्सल समस्या के समाधान की तरफ सरकार के लिए नए रास्ते खोलने वाले साबित होंगे. आजादी के 70 साल बाद यह पहली बार है जब पिछले 2 सालों में बस्तर में इंद्रावती नदी पर 4 नए पुल तैयार हो रहे हैं. इस पुल के तैयार होने से ना सिर्फ इंद्रावती के उस पार रहने वाले ग्रामीण शहरी इलाकों से जुड़ पाएंगे बल्कि सरकार की सभी योजनाएं भी इन ग्रामीणों तक पहुंच पाएगी और पिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर के ऐसे इलाकों में नया विकास हो सकेगा.

इंद्रावती नदी पर पुल बनने से नक्सलवाद का हो सकेगा खात्मा

इंद्रावती नदी में दशकों से पुल नहीं होने की वजह से इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण शहर की तरफ आने और अन्य सुविधाओं से वंचित हो जाते थे. ना सरकार की कोई योजना दूर-दराज के इन गांवों तक पहुंच रही थी ना ही यहां रहने वाले ग्रामीण शहर तक पहुंच पाते थे. जिसका फायदा नक्सलियों को होता था. नक्सलियों ने इन इलाकों में कई सुरक्षित ठिकाने बना लिए थे. लेकिन अब बीजापुर, दंतेवाड़ा और महाराष्ट्र सीमा पर बन रहे पुलों से नक्सलियों के इन ठिकानों को खत्म करना बस्तर पुलिस के लिए काफी आसान होगा. इसके साथ ही अब तक विकास से अछूते और सरकार की पहुंच के बाहर के कई बड़े इलाकों तक सरकार की पहुंच आसान हो जाएगी.

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