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दुर्ग के ब्राह्मणपारा स्थित हनुमान मंदिर अपने आप में अद्भुत संयोग संयोए हुए है. यहां भगवान हनुमान दक्षिण और पंचमुखी रूप में विराजमान हैं. हनुमान जी की बहुत कम ही मंदिर हैं, जो दक्षिण मुखी के साथ पंचमुखी भी हो. यहां 9 ग्रहों को शांत कराने दू-दूर से आते हैं. पढ़िए दुर्ग के इस खास हनुमान मंदिर के बारे में.

दुर्ग: मंगलवार पवनसुत हनुमान जी की आराधना का दिन है. कहा जाता है ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले मंगलवार को मारुतिनंदन की निष्ठा के साथ पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जून महीने के पहले दिन हम आपको दुर्ग के पंचमुखी हनुमान मंदिर के दर्शन करा रहे हैं, जिनके स्मरण से आपके कष्ट दूर होंगे.

दुर्ग के ब्राह्मणपारा में विराजे हनुमान जी की 18 फीट ऊंची पंचमुखी प्रतिमा है. पंचमुखी हनुमान मंदिरों में बजरंगबली की खड़ी मूर्ति भी बेहद कम जगह पर बनाई गई है. ब्राह्मणपारा हनुमान मंदिर के पुराने होने की वजह से लोगों की गहरी श्रद्धा इस मंदिर पर है. कहते हैं यहां अंजनिसुत के दर्शन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मंदिर में स्थापित हैं नवग्रह

मंदिर में नवग्रह भी स्थापित हैं. यहां शनि, राहू, केतु, गुरु, शुक्र, बुध, मंगल, चंद्रमा और सूर्य की 8 से 18 फीट की मूर्तियां हैं. यहां समय-समय पर लोग पूजा-पाठ और ग्रहों से जुड़े हुए अनुष्ठान कराते हैं. कहते हैं इस मंदिर की स्थापना 80 के दशक में हुई थी. उसी दौरान नवग्रहों की प्रतिमा भी स्थापित कराई गई है. कोरोना की वजह से फिलहाल यहां अनुष्ठान बंद हैं.

पूजा से मिलती है शांति

हनुमानभक्त मंगलवार को व्रत रखकर उनकी उपासना करते हैं. चालीसा, आरती का पाठ कर कष्टों को दूर कर, खुशियों का वरदान मांगते हैं. मान्यताओं के मुताबिक हनुमान चालीसा के पाठ से आत्मिक शांति मिलती है और दुखों से लड़ने की शक्ति मिलती है. रामभक्त हनुमान अपने भक्तों पर खुश होकर उनकी सारी मुश्किलें हर लेते हैं.

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