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अधिकारियों के समझाने के बाद भी गांववाले सिलगेर कैंप का विरोध कर रहे हैं. बस्तर आयुक्त जीआर चुरेंद्र और बस्तर आईजी सुंदरराज पी के समझाने के बाद भी ग्रामीण सिलगेर कैंप को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. बुधवार को तररेम में करीब 500 की संख्या में ग्रामीण कैम्प का विरोध कर रहे हैं.
बीजापुर 26मई (KRB24NEWS): सिलगेर कैंप को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है. अधिकारियों के समझाने के बाद भी कैंप वाली जगह पर गांववालों का जमावड़ा लगा हुआ है. ग्रामीण विरोध में बैठे हुए हैं. यहां 16 मई को हुई गोलीबारी में मारे गए 3 लोगों की पहचान नक्सलियों के रूप में हुई है. घटना उस वक्त हुई जब लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे CFPF कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. पुलिस ने तीनों मृतकों की शिनाख्त नक्सलियों के DKMS सदस्य के रूप में की थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि ग्रामीण तार की बैरिकेडिंग को तोड़कर कैंप में घुसने का प्रयास कर रहे थे. तभी उनकी आड़ में खड़े नक्सलियों ने गोली चलाई थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी.
भोपालपट्टनम तहसीलदार शिवनाथ बघेल
तहसीलदार और राजस्व अमला तररेम में डटा
सिलगेर में लगी भीड़ और तररेम में उमड़ रही ग्रामीणों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भोपालपट्टनम तहसीलदार शिवनाथ बघेल समेत राजस्व अमला तररेम में ही डटे हुए हैं. किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. हालांकि शुरुआत में कैंप के विरोध में हजारों की तादाद में ग्रामीण जुट रहे थे. अब धीरे-धीरे गांववालों की भीड़ कम होती नजर आ रही है.
आदिवासी समाज नेताओं ने ग्रामीणों के साथ की बैठक
इधर गोंडवाना आदिवासी समाज (Gondwana Adivasi Society) और सर्व आदिवासी समाज (sarv aadivaasee samaaj) के नेताओं ने कैंप को लेकर ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में गांववालों को मामला सुलझाने के लिए समझाइश भी दी थी. समाज के नेताओं ने ग्रामीणों को कहा कि कैंप खुलने से इलाके में सड़क, बिजली, शिक्षा, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य और पेय जल जैसी समस्या का समाधान होगा. कैंप होने से बुनियादी सुविधाएं बढ़ेंगी. वहीं ग्रामीणों को समझाने के लिए समय-समय पर कोई न कोई राजनीतिक दल पहुंच रहा है. बुधवार को जनता कांग्रेस (जे) की टीम जगदलपुर से मौके के लिए रवाना हुई है.
सिलगेर गोलीकांड की मजिस्ट्रेट कर रहे जांच
बीजापुर सिलगेर कैंप को लेकर चल रहे विवाद की जांच मजिस्ट्रेट कर रहे हैं. 23 मई को बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल (Bijapur Collector Ritesh Agarwal) ने सिलगेर गोलीकांड जांच के लिए रविवार को मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की थी. हालांकि सिलगेर से फोर्स के कैंप हटाने का कोई फैसला अब तक नहीं लिया था. लिहाजा कैंप अभी वर्तमान स्थल पर ही है.
सिलगेर मामले को लेकर अधिकारियों ने की थी बैठक
रविवार को बासागुड़ा में दोपहर आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पिछले दिनों अधिकारियों ने बैठक की थी. इसमें बस्तर आयुक्त जीआर चुरेंद्र (Bastar Commissioner GR churendra), बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundar Raj P), सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार (Sukma Collector Vineet Nandanwar) शामिल हुए थे. बैठक में सिलगेर गांव के तकरीबन 50 लोग शामिल हुए. करीब 2 घंटे चली इस बैठक में कैंप के बारे में अफसरों ने कहा कि यह शासन स्तर का मामला है. इस बारे में शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. कैंप की निजी भूमि की बात है तो इसका परीक्षण किया जाएगा. नक्शे और खसरे देखे जाएंगे. बैठक में सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार और बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप (Bijapur SP Kamalochan Kashyap) भी शामिल हुए थे