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कोरबा/कटघोरा 7 मई ( KRB24NEWS ) : छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अवस्थी एवं प्रदेश महासचिव विश्व दीपक राई के द्वारा इस वैश्विक महामारी कोरोना काल में पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स का दर्जा देने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की गई है. छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ कोरबा द्वारा पत्रकारों फ्रंटलाइन वारियर्स का दर्जा दिलाने क्षेत्रीय विधायक को अवगत कराया था जिसे लेकर कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर ने छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की मांग पर गहरी चिंता जताई है.

मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ( राज्यमंत्री )और कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर ने अपने विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण कोरबा जिले की जनता के साथ- साथ पत्रकारों की भी चिंता करते हुए पत्रकारों को फ्र॑टलाइन वारियर्स का दर्जा देने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. विधायक पुरषोत्तम कंवर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रेषित अपने पत्र में उल्लेखित किया है कि इस कोरोना महामारी संकटकाल में भी पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जानकारी लेकर सरकार व जनप्रतिनिधियों सहित आमजन को स्थिति से अवगत कराकर जागरूक करते हैं . ऐसी स्थिति में पत्रकारों को भी संक्रमण का खतरा बना रहता है.

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र के माध्यम से विधायक पुरषोत्तम कंवर ने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कार्य संपादन कर रहे पत्रकार साथियों को भी फ्रंटलाईन वारियर्स का दर्जा देकर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिये जाने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि कोरोना के इस महामारी काल में विधायक पुरषोत्तम कंवर को अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ साथ संपूर्ण कोरबा जिला की जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए वे जिला प्रशासन अपने क्षमता से अधिक बढ़कर जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने में लगे हुए हैं जिसका परिणाम है कि जिले में स्वास्थ सुविधाओं का विस्तार हो रहा है. इसी तरह इस कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे पत्रकारों की भी चिंता करते हुए पत्रकारों को फ्रंटलाइन का दर्जा देने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं की सुविधा प्रदान करने उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि राज्य में जिस प्रकार राजस्व, स्वास्थ्य एवं पुलिस प्रशासन संक्रमण के खतरे के बीच कार्य कर रहा है, उसी प्रकार पत्रकार भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. उन्हें भी संक्रमण का खतरा बना रहता है.ऐसे में यदि उनको भी कोरोना वारियर्स का दर्जा प्राप्त हो तो पत्रकारों का हौसला और बढ़ेगा.

अधिमान्य पत्रकारों के साथ साथ गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंट लाइन वारियर्स का मिले दर्जा.

कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में संक्रमण काल में भी जान जोखिम में डालकर पत्रकार अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. ऐसे में केवल अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स घोषित करना शेष पत्रकारों के साथ अन्याय होगा. गैर अधिमान्य पत्रकारों के लिए जनसंपर्क विभाग में रजिस्टर्ड संस्थानों से लिखित में संस्थानों में कार्य करने वाले पत्रकारों की सूची बुलाई जाए, ताकि गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वॉरियर्स का दर्जा मिल सके.

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