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छग/कोरबा/पाली: जिले के भीतर एक दर्जन से ज्यादा निजी और शासकीय अस्पतालों में कोविड सम्बन्धी इलाज किये जा रहे है. इनमे से कई अस्पताल औद्योगिक इकाइयों के भी है जहां कोरोना मरीजो का उपचार किया जा रहा है. यह सभी अस्पताल कोरबा निगम मुख्यालय अंतर्गत संचालित है. जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना से त्वरित इलाज के लिए पाली के एक निजी अस्पताल को भी शासकीय नियमो के तहत पिछले महीने कोविड ट्रीटमेंट सुविधा की अनुमति प्रदान की गई थी. इस अनुमति को कल जिला कलेक्टर ने खारिज कर दिया. इतना ही नही बल्कि अस्पताल स्टाफ के द्वारा सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही के मद्देनजर अस्पताल को पखवाड़े भर के लिए सील भी कर दिया गया है.

दरअसल कोरोना उन्मूलन के सम्बंध में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिला कलेक्टर किरण कौशल कल पाली नगर के दौरे पर थी. यहां उन्होंने कोरोना से जुड़े कामकाज, इलाज व मरीजो के बारे में अफसरों से जानकारी ली. कलेक्टर ने एक हॉस्टल अधीक्षक को भी निलंबित कर दिया है. जिलाधीश के औचक निरीक्षण और कार्रवाई के बाद जिले भर में हड़कंप मचा हुआ है. सभी निजी-शासकीय स्वास्थ्य संस्थान अपनी व्यवस्थाएं सुधारने में जुटे हुए है.

जानकारी के अनुसार जिलाधीश किरण कौशल ने कल पाली पहुंचकर विनायक कोविड केयर अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि यहां अस्पताल स्टाफ द्वारा सुरक्षा मापदण्डो की जमकर अनदेखी की जा रही है. वही अस्पताल स्टाफ और मरीजों के लिए प्रवेश-निकासी की व्यवस्था भी लचर है जिससे दूसरे स्वस्थ लोगो मे कोरोना संक्रमण की आशंका बनी हुई है. इसके अलावा पिछले दिनों एक मरीज के परिजन से बदसलूकी के आरोप भी अस्पताल पर लगे थे. इन तमाम शिकायतों के बाद जिला कलेक्टर ने अस्पताल को कोविड इलाज के लिए दिए अनुमति को खारिज करते हुए अस्पताल को 15 दिनों के लिए सील कर दिया. दो मरीज जिनका उपचाररत थे उन्हें पाली के आइसोलेशन सेंटर में दाखिल कराया गया. जिला कलेक्टर के निर्देश पर जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ बीबी बोर्डे ने यह कार्रवाई की है.

अप्रेल में कोविड केयर के लिए किया गया था अधिसूचित.

पिछले महीने 20 अप्रेल को जिला स्वास्थ्य विभाग के जांच टीम ने जिले के तीन अस्पतालों का निरीक्षण किया था. विभाग के निरीक्षण दल ने मरीजों के लिए और मेडिकल स्टाफ के लिए अलग-अलग आगमन-निकासी द्वार, पैरा मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता, डोनिंग-डोफिंग सुविधा सहित दवाओं, आक्सीजन आदि व्यवस्थाओं पर अस्पताल संचालकों से चर्चा की थी. निरीक्षण दल की रिपोर्ट पर तीनों अस्पतालों को कोविड उपचार की इजाजत दी थी. इन अस्पतालों में न्यू कोरबा अस्पताल, पाली नगर पंचायत का विनायक अस्पताल पाली और सीएसईबी वेस्ट अस्पताल शामिल था. महज पन्द्रह दिनों के भीतर ही पाली के विनायक अस्पताल की इजाजत रद्द करते हुए सीलिंग की कार्रवाई कर दी गई. दो अन्य अस्पतालों में उपचार यथावत है.

पाली पुलिस से की गई थी मारपीट की लिखित शिकायत.. जांच और कार्रवाई लम्बित.

गौरतलब है कि अस्पताल के खिलाफ पिछले माह एक मरीज के परिजनों ने स्टाफ द्वारा मारपीट, गाली-गलौच और बदसलूकी के गम्भीर आरोप भी लगाए थे. पीड़ितों ने इसकी लिखित शिकायत पाली पुलिस से करते हुए जांच और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. शिकायत पर पुलिस ने अबतक किस तरह की कार्रवाई सुनिश्चित की है इसकी जानकारी नही मिल सकी है. इस विवाद के बाद प्रबंधन ने भी जिला कलेक्टर दफ्तर को पत्र प्रेषित करते हुए अपनी सफाई पेश की थी.

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