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- एमएसपी को कानून के रूप में बिल में शामिल करने की मांग.
- कहा उद्योगपतियों के इशारे पर नही, संविधान से चलेगा देश.
- शहर में नजर नही आया भारत बंद का असर.
- खुली रही दुकाने, पुलिस की चाक-चौबंद नजर आई व्यवस्था.
कटघोरा 8 दिसम्बर ( KRB24NEWS ) : मोदी सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में पिछले दस दिनों से देशभर के किसान आंदोलित है.. हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में डटे हुए है. उनकी मांग है कि केंद्र की सरकार प्रस्तावित नए कृषि कानून को वापिस लेकर देश के किसानो को राहत पहुंचाए.. इस पूरे आंदोलन को खत्म करने और किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए सरकार पहले ही पांच बार किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता कर चुकी है लेकिन सभी बैठके बेनतीजा रही.. आज कांग्रेस समेत एक दर्जन से ज्यादा सियासी दलों ने बिल के विरोध में भारत बंद का एलान किया था हालांकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में यह बन्द बेअसर रहा.. कटघोरा शहर में बिल के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेताओ ने शहीद वीर नारायण चौक पर एकदिवसीय धरना दिया और केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए.
गोंडवाना पार्टी के पदाधिकारी शरद देवांगन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सरकार किसानो के अधिकारो का हनन कर रही है. सरकार किसानो के खिलाफ फैसले लेकर उनका मनोबल तोड़ने का काम कर रही है. उनकी मांग है कि इस कानून को फौरन वापिस लिया जाए ताकि देश का अन्नदाता फिर से अपनी खेती से जुड़े कामो को लेकर निश्चिन्त हो सके..
शरद देवांगन, प्रदेश महामंत्री गोंगपा
गोंडवाना आंदोलन के बड़े नेता लाल बहादुर कोर्राम ने भी मोदी सरकार की मुखालफत करते हुए कृषि बिल को देश और किसान विरोधी बताया है. उनका मानना है कि बिना समर्थन मूल्य के किसान बर्बाद हो जाएगा. इसका असर देश के भीतर खाद्यान्न उत्पादन पर पड़ेगा.
लाल बहादुर कोराम, राष्ट्रीय सचिव गोंगपा.
कांग्रेस ने भी इस मौके पर केंद्र की सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए इस सरकार को पूंजीपतियों का सरकार बताया है. कांग्रेस के एससी सेल के देव रत्नाकर ने साफ शब्दों में कहा कि देश बाबा साहेब के संविधान से चलेगा न कि किसी कारपोरेट घराने के इशारे पर. उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को सीधे सीधे किसानो के साथ धोखा करार दिया है.
देव् रत्नाकर, एससी सेल कांग्रेस.
इस तरह अलग अलग दलों ने बिल के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है. दूसरी तरफ यह पूरा विरोध महज प्रदर्शन के रूप में ही नजर आया. कही भी दुकाने और संस्थान बंद नही थे. किसी भी तरह के आपात स्थिति से निबटने के लिए पुलिस के जवानों की भी तैनाती की गई थी.