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कोरबा 1 अक्टूबर ( KRB24NEWS ) : राज्यसभा से कृषि बिल पास होने के बाद राजनीतिक सरगर्मी पूरे देश के साथ-साथ छ्त्तीसगढ़ में भी तेज हो गई है इसे लेकर देश की मुख्य सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस इस बिल को लेकर लगातार विरोध जता रही है. इसी के मद्देनजर रविवार को कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर ने कोरबा जिले के आला नेताओं के साथ बैठक कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की राज्यपाल को ज्ञापन सौपा.

सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि नए कृषि बिल से देश में दो तरह की मंडी हो जाएंगी। एक जिसमें टैक्स लगेगा व दूसरी जिसमें टैक्स नहीं होगा। इससे व्यापारी बिना टैक्स वाली मंडी में जाकर खरीदी करेंगे। परिणामस्वरूप टैक्स वाली वर्तमान मंडी बंद हो जाएंगी। बिना टैक्स की मंडी में एमएसपी की कोई गारंटी नहीं होगी। व्यापारी धीरे धीरे किसानों से उनके खेत से ही उपज लेने का प्रयास करेंगे। वहीं क्वालिटी खराब बताकर कम भुगतान या भुगतान करने में आनाकारी करेंगे। जिससे किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। नए एक्ट के तहत किसान व व्यापारी के बीच होने वाले विवाद का फैसला एक समिति व एसडीएम करेंगे। इससे किसानों के कोर्ट जाने का रास्ता भी बंद हो जाएगा। नया कृषि बिल केवल कार्पोरे जगत के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। किसानों के लिए यह बिल नुकसान दायक साबित होगा। वहीं बिल की आड़ में जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अनाज, दाल, तिलहन, तेल, आलू व प्याज का संग्रहण एक निश्चित सीमा में किया जा सकता था। अब इन वस्तुओं को अलग कर दिया गया है। इससे कालाबाजारी बढ़ेगी

कृषि कानून से बीजेपी देश में वापस लाना चाहती है महाजनी प्रथा

वहीं कांग्रेस नेताओं ने एक सुर में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जिस प्रकार से आज से दशकों पहले महाजनी प्रथा चला करती थी उसी प्रकार इस काले कानून से भारतीय जनता पार्टी फिर से देश में कालू प्रभा लाना चाहती है जिससे किसानों का शोषण और उनके अधिकारों का हनन होगा.

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