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यूएस अंडर सेक्रेटरी कीथ क्रैच ने दूसरे देशों से किया आह्वान
भारत सरकार ने पबजी (PUBG) समेत 118 चीनी ऐप्स बैन किये हैं
सरकार अब तक 224 चीनी ऐप्स पर बैन लगा चुकी है
वॉशिंगटन 3 सितम्बर ( KRB24NEWS ) : चीन (China) से जारी तनाव के बीच भारत (India) द्वारा पबजी (PUBG) समेत 118 चीनी ऐप्स बैन करने का अमेरिका ने स्वागत किया है. यूएस अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इकोनॉमिक ग्रोथ, एनर्जी, और एनवायरनमेंट कीथ क्रैच (Keith Krach) ने नई दिल्ली के इस कदम की सराहना करते हुए दुनिया के बाकी देशों से इस अभियान में शामिल होने आह्वान किया है.
क्रैच ने कहा कि भारत 100 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा चुका है. हम सभी स्वतंत्रता-प्रेमी राष्ट्रों और कंपनियों से इस क्लीन नेटवर्क में शामिल होने का आह्वान करते हैं. मालूम हो कि भारत सरकार ने चीनी ऐप्स को देश की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरनाक मानते हुए पाबंदी लगाई गई है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बुधवार को लगाये गए प्रतिबंधित ऐप में बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, अलीपे, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग, गवर्नमेंट वीचैट, टेनसेंट वेयुन, आपुस लांचर प्रो, आपुस सिक्योरिटी, कट कट, शेयरसेवा बाइ श्याओमी और कैमकार्ड के अलावा पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट शामिल हैं.
- एप स्टोर से हटाना चाहते हैं
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कुछ समय पहले कहा था कि अमेरिकी सरकार अपने क्लीन नेटवर्क कार्यक्रम का विस्तार कर रही है, जिसमें ऐसे चीन निर्मित सेलफोन ऐप और क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं को शामिल किया गया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि वे अमेरिकी ऐप स्टोर से ‘अविश्वसनीय’ चीनी ऐप्स को हटाना चाहते हैं.
अब तक 224 चीनी ऐप्स बैन
गौरतलब है कि भारत सरकार ने चीन के खिलाफ यह तीसरी डिजिटल स्ट्राइक की है. इससे पहले 15 जून को गलवान में हिंसक संघर्ष के बाद 29 जून को सरकार ने 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था. उसके बाद 28 जुलाई को 47 ऐप्स को बैन किया था. अब 118 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है. इस प्रकार सरकार अब तक 224 चीनी ऐप्स पर बैन लगा चुकी है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि 118 ऐसे ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिये खतरा है. सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव और बढ़ गया है.