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महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन शिक्षकों के सम्मान में स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. आइए इस मौके पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 विचार आपके साथ शेयर करते हैं, जो आपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे.
रायपुर(KRB24NEWS): 5 सितंबर यानी रविवार का दिन अपने आप में बहुत खास दिन है. इस दिन महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है. 5 सितंबर को हर साल भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन शिक्षकों के सम्मान में स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. एक बच्चे के जीवन में उसके माता-पिता के अलावा शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यही कारण है कि देश में शिक्षक को माता-पिता के बराबर का दर्जा दिया गया है.
क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे
इसके पीछे की कहानी यह है कि एक बार राधाकृष्णन के कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करने का मन बनाया तो इस पर डॉ सर्वपल्ली ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाए अगर मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा.
क्या होता है आज के दिन
इस दिन स्टूडेंट्स अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान प्रकट करते हैं. स्टूडेंट्स शिक्षकों को गिफ्ट्स देते हैं. स्कूलों में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इलके अलावा पूरी दुनिया में इंटरनेशनल टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.
आइए इस मौके पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 विचार आपके साथ शेयर करते हैं, जो अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 विचार
- ‘पुस्तकें वह माध्यम हैं, जिनके जरिये विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण किया जा सकता है.’
- ‘शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें.’
- ‘हमें तकनीकी ज्ञान के अलावा आत्मा की महानता को प्राप्त करना भी जरूरी है.’
- ‘शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. अत:विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए.’
- ‘शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके.’
- ‘किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है.’
- ‘शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकती बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है.’
- ‘ज्ञान के माध्यम से हमें शक्ति मिलती है. प्रेम के जरिये हमें परिपूर्णता मिलती है.’
- ‘भगवान की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके नाम पर बोलने का दावा करते हैं.’
- कोई भी आजादी तब तक सच्ची नहीं होती,जब तक उसे विचार की आजादी प्राप्त न हो. किसी भी धार्मिक विश्वास या राजनीतिक सिद्धांत को सत्य की खोज में बाधा नहीं देनी चाहिए.’