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प्रदेश सरकार के उस फैसले का नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कड़ा विरोध किया है. जिसमें हाथियों को जंगल और बस्तियों से दूर रखने के लिए सड़ा या अंकुरित धान खिलाने की योजना प्रदेश सरकार बना रही है. उन्होंने इसके लिए धान खरीदी को लेकर भ्रष्टाचार का संदेह जताया है.बघेल सरकार ने शराबबंदी का वादा तो किया था. लेकिन ढाई साल वाद वादे को पूरा करने में सरकार नाकाम रही है. छत्तीसगढ़ में कोरोना के केसों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है. जो चिंता की बात है. एक नजर छत्तीसगढ़ की उन खबरों पर जो दिनभर बनी रही सुर्खियां

छत्तीसगढ़ में मंडराया तीसरी लहर का खतरा , एक दिन में मिले 236 एक्टिव मरीज !

1-कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरों के बीच छत्तीसगढ़ में लगातार कोविड के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सोमवार को कुल 236 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है. जबकि 3 लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ा है. रविवार को कुल 214 कोरोना मरीजों की पहचान हुई थी. सोमवार को इस आंकड़े में इजाफा हुआ है. कोरोना के तीसरी लहर को लेकर यह खतरे की घंटी है. 

हाथियों के लिए सड़ा धान क्यों खरीद रही सरकार, धरमलाल कौशिक ने भ्रष्टाचार का जताया संदेह

2-नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश सरकार के उस फैसले का कड़ा विरोध किया है. जिसमें हाथियों को जंगल और बस्तियों से दूर रखने के लिए सड़ा हुआ या अंकुरित धान खिलाने की योजना प्रदेश सरकार बना रही है. धरमलाल कौशिक ने कहा है कि इससे साफ होता है कि प्रदेश की सरकार धान खरीदी के बाद हुए भ्रष्टाचार से बचने के लिए अब भ्रष्टाचार की नई बिसात बिछा रही है. उन्होंने कहा कि इससे तय है कि हाथियों के नाम पर मार्कफेड से अंकुरित और सड़े हुए धान को करीब 2050 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा.

छत्तीसगढ़ में आसान नहीं शराबबंदी की डगर, इसका वादा करने वाले अब विरोध में खड़े हैं !

3-छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर वाकई सरकार गंभीर है या फिर ये सिर्फ चुनावी मुद्दा था, ये सवाल उठने लगा है. दरअसल 2018 के चुनावी मौसम में कई वादे छत्तीसगढ़ की फिजा में तैर रहे थे. कांग्रेस ने आम जानमानस की खासतौर पर महिलाओं की बेहद अहम मांग को अपनाते हुए सरकार बनने पर पूर्ण शराब बंदी का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के ढाई साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी इस दिशा में भूपेश सरकार एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी है. 

छत्तीसगढ़ में दो साल बाद खुले स्कूल, पहले दिन ऐसे हुई पढ़ाई

4-आखिरकार लंबे इंतजार के बाद छत्तीसगढ़ में सोमवार को स्कूल खोल दिए गए. कोरोना काल में करीब 2 साल के बाद स्कूल खुलने से छात्र-छात्राओं के चेहर पर खुशी दिखी. सरकार ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल खोलने का फैसला लिया. जिसका असर ज्यादातर जगहों पर दिखा. प्रदेश में अधिकांश जगह पर 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू की गई है. पहले दिन छात्र कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दिखे. करीब 50 फीसदी उपस्थिति के साथ विद्यार्थी स्कूल पहुंचे. 

आम लोगों को महंगाई का डबल झटका: छत्तीसगढ़ में बिजली की दरों में 48 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा

5-राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन हेमंत वर्मा ने बिजली की औसत दरों में 48 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की घोषणा की है. नई दरें एक अगस्त से लागू हो चुकी हैं. कोरोना के दौरान पहले से ही लोगों की जेबों पर भारी बोझ पड़ा है. इसके बाद डीजल- पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. अब बिजली की नई औसत दरें बढ़ने से लोगों पर इसका व्यापक असर पड़ेगा. ईटीवी भारत ने पहले ही यह कयास जताया था कि एक अगस्त से बिजली का नया टैरिफ प्लान लागू किया जा सकता है

रायपुर के जिन स्कूलों में पहुचे शिक्षा मंत्री वहां टूटा कोरोना प्रोटोकॉल, भारी पड़ सकती है ऐसी लापरवाही

6-कोरोना संक्रमण के बीच लगभग डेढ़ साल बाद आज प्रदेश में स्कूल खुले हैं. इस दौरान बच्चों में बच्चों में काफी उत्साह देखा गया. स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने डेढ़ साल बाद स्कूल खुलने पर राजधानी के कई स्कूलों का जायजा लिया. लेकिन एक ओर जहां शासन-प्रशासन ने कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए स्कूलों के संचालन ली अनुमति दी है. तो वहीं दूसरी ओर खुद, स्कूल शिक्षा मंत्री और अफसर खुलेआम कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते नजर आए. 

ये लापरवाही पड़ेगी भारी, स्वागत-सत्कार में कांग्रेसी भूले गाइडलाइन

7-तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच लोगों से कोरोना गाइडलाइन की अपील की जा रही है. छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग चिंतित है. लहर का प्रकोप भले ही कम हो गया है, लेकिन कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. तीसरी लहर का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता ही अब खुद कोरोना के नियमों का उल्लंघन करते हुए नजर आ रहे हैं. 

कोरिया का रमदहा जलप्रपात, जिसकी खूबसूरती निहारने पहुंच रहे सैलानी

8-जिले का रमदहा जलप्रपात. बारिश के दिनों में इस वाटर फॉल की खूबसूरती अपने पूरे शबाब पह है. कुदरत के इस मनमोहक नजारे को देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं. इस जल प्रपात की धारा देखकर लोग यहां रुक जाते हैं 

सोने के जेवर में एचयूआईडी कोड का विरोध, 3500 सराफा दुकानदारों की बढ़ सकती है मुश्किलें

9-राजधानी सहित पूरे देश में 16 जून से सोने के जेवर में हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया गया है. जिसके तहत देश में अब BIS-भारतीय मानक ब्यूरो की हॉलमार्किंग वाली गोल्ड ज्वैलरी ही बिकेगी.

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