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शराबबंदी पर मंत्री अमरजीत भगत की दी गई प्रतिक्रिया ने सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है. सोशल मीडिया पर उनका ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. विपक्ष भी लगातार कांग्रेस पर निशाना साधे हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उनके इस बयान पर साफ कहा है कि वे दूसरे के जवाब पर टिप्पणी नहीं कर सकते, छत्तीसगढ़ में शराबबंदी कठिन निर्णय है.
बलरामपुर/छ. ग 27जून (KRB24NEWS) : खाद्य मंत्री अमरजीत भगत शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हो रहे हैं. बीजेपी भी लगातार उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधे हुए है. शराबबंदी के सवाल को अनसुना कर मंत्री अमरजीत भगत निकल गए थे. इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कहा कि पत्रकारों के कुछ सवालों को डक करना पड़ता है. सिंहदेव शनिवार को बलरामपुर के दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने अमरजीत भगत के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
राजनांदगांव के प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद अमरजीत भगत ने जिले के दौरा किया था. इस दौरान पत्रकारों ने जब उनसे शराबबंदी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने ‘मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया’ कहकर बात टाल दी और वहां से रवाना हो गए. उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. सिंहदेव से जब उनके इस जवाब को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि ‘पत्रकारों के सवाल कभी-कभी बेहद कठिन होते हैं इसलिए उसे डक करना पड़ता है. दूसरे के जवाब पर मैं टिप्पणी कैसे कर सकता हूं.’
पूर्व सीएम ने साधा निशाना
पूर्व सीएम रमन सिंह ने भगत के इस बयान को लेकर ट्वीट किया था कि ‘कांग्रेस को चुनाव से पहले सब सुनाई देता था और सब दिखाई देता था. अब न सुनाई देता है, न ही दिखाई देता है. इसलिए जनता कह रही है – वक्त है पछताव का!’
शराबबंदी कठिन निर्णय
टीएस सिंहदेव ने शराबबंदी के सवाल पर कहा कि ‘यह कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल है. पूरी तरह से लिपिबद्ध है. चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी ने घोषणा पत्र समिति के माध्यम से यह तय किया कि हमें शराबबंदी करना है. शासन बनने के बाद शराबबंदी की बात जब आई तो एक कमेटी गठित की गई थी. इस कमेटी में विपक्ष के साथी जिन्हें रखा गया था वे आ नहीं रहे थे. इस वजह से निर्णय लेने में दिक्कत हो रही है. ये एक कठिन निर्णय है. शराबबंदी कई सामाजिक बुराईयों को जन्म देता है. महिलाएं खासकर इससे परेशान है. इसका दूसरा पहलू ये भी है कि छत्तीसगढ़ लैंड लॉक राज्य है. कई समुद्र नहीं है. ऐसे में शराब की तस्करी को रोकना कमेटी की चुनौती है. अन्य राज्य जहां शराबबंदी है जैसे गुजरात, बिहार इसका भी परीक्षण किया जा रहा है. शराबबंदी एक कठिन निर्णय है.’