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कोरबा/कटघोरा 13 जून ( KRB24NEWS ) : आज प्रदेश भर में अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है. बिना रुपयों के लेनदेन कोई काम कराना सम्भव नही है. कांग्रेस की सरकार माफियाओं के हाथ में है. प्रदेशभर में रेत माफिया, शराब माफिया, ड्रग माफिया, कोल माफिया पूरी तह हावी है, सक्रिय हैं. इसी तरह से राज्य सरकार नक्सलियों के आगे हथियार डाल चुकी है. जो नक्सली भाजपा की सरकार में बैकफुट पर थे वे आज मुख्य सड़कों पर आ धमके है. गांवों में जन अदालतें लगाई जा रही. सुरक्षाबलों के साथ हरदिन आम नागरिकों का गला रेता जा रहा. प्रभावित इलाकों में सरकारी कर्मचारियों की हत्याये हो रही. इस तरह सरकार आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भी पूरी तरह विफल हो चुकी है. कोरोना से भी निबटने में भी भूपेश सरकार पूरी तरह फेल रही. वैक्सिनेशन कार्यक्रम मे प्रदेश फिसड्डी साबित हुआ है. टीकाकरण को लेकर खुद सरकार के जवाबदार लोगो ने जो भ्रम फैलाया उसका नतीजा यह रहा कि महज आठ लाख लोगों के टीकाकारण में राज्य सरकार के पसीने छूट गए, उनके सारे दावों की पोल खुल गई. इस अव्यवस्था की वजह से वैक्सीनेशन कार्यक्रम को केंद्र को अपने हाथों में लेना पड़ा. भूपेश सरकार से संरक्षण प्राप्त अस्पतालों में लोगो को आयुष्मान योजना का लाभ नही मिल सका, कोरोना इलाज के नाम पर लोगो को लूटा गया. जिस सरकार के लिए भ्रष्टाचार आज शिष्टाचार बन चुका है ऐसे सरकार की रवानगी लगभग तय है. आम प्रदेशवासियों को भी इस दिन का इंतजार है.
यह तमाम आरोप प्रदेश के मुख्य नेता प्रतिपक्ष और बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने मौजूदा भूपेश सरकार पर लगाये है. कोरबा से रायपुर लौटने के दौरान रात्रिभोज के लिए ठहरने पर स्थानीय लोनिवि विश्राम गृह में कार्यकर्ताओं से भेंट की. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर सिलसिलेवार जुबानी हमले भी किये.
सरकार ने की लोगो से वादाखिलाफी. ना भत्ता दिया ना बंद हुई शराब.
उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि ना ही शराबबंदी हुई और ना ही बेरोजगारो को पच्चीस सौ रुपये भत्ता दिया गया. कोरोनाकाल में देखा गया कि पूर्ण शराबबंदी के वादे के बीच जहां उन्हें दवाइयां पहुंचानी चाहिए थी वहां दवा तो नही लेकिन शराब जरूर पहुंचाया गया. किसानों को छलने वाली सरकार ने दो वर्षों तक बोनस वितरण की बात कही थी लेकिन आज इसपर शासन और कांग्रेस के नेताओ ने चुप्पी साध ली है.
शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट, सरकार कर रही दिखावे की नौटंकी.
नेता प्रतिपक्ष यही नही रुके. वे प्रदेश सरकार पर शिक्षा के मुद्दे पर भी जमकर बरसे. कहा कि शिक्षा का स्तर रसातल पर है. स्कूली बच्चों की पढ़ाई का स्तर गिर चुका है. वे पांच सवालो को हल करने की स्थिति में नही है. आज उनतक ना किताबे पहुंच सका, ना गणवेश और ना ही सायकल. नदियों में स्कूली ड्रेस बहाए जा रहे है. नीति आयोग के रिपोर्ट और सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि शिक्षा संसाधन के मामले में प्रदेश निचले पायदान पर है. इससे समझा जा सकता है कि देश के भविष्य के साथ यह सरकार किस कदर खिलवाड़ कर रही है.
कांग्रेस का अंतर्कलह उनका आंतरिक मामला पर स्वयं कार्यकर्ता भी सरकार से असंतुष्ट.
नेता प्रतिपक्ष ने ढाई-ढाई मुख्यमंत्री के मुद्दे पर भी चुटकी ली. ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री के फार्मूले को उन्होंने कांग्रेस का आंतरिक मामला बताते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार बेलगाम तरीके से चल रही है उससे ना सिर्फ आम जनता दुखी है बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ता भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है. पिछले दिनों यूपी में कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी प्रवेश किया लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है कि सरकार के असंतुष्ट नेता-कार्यकर्ता भी पार्टी का साथ छोड़कर दूसरे विकल्पों की तलाश करे.
प्रदेशभर में माफ़िया राज, सरकारी मुलाजिमों पर हो रहे हमले.
नेता विपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस बात पर गहरी चिंता जाहिर किया कि आज इस सरकार में हर तरफ माफियाओं का बोलबाला है. सरकार से संरक्षण प्रात इन माफियाओं को कानून का भी डर नही. पिछले दिनों जिस तरफ से एक एसडीओ पर वाहन चढ़ाकर हमले का प्रयास हुआ. कोरिया, सूरजपुर, धमतरी में जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाया गया वह चिंताजनक है. माफियाओं के हाथ से चल रही सरकार में हर तरफ माफियाओं का ही बोलबाला है. अवैध खनन और परिवहन को बढ़ावा देकर राजस्व की बड़ी हानि कराने के रास्ते यह सरकार तलाश रही.
नही कोई अंतर्कलह, कांग्रेस को हटाना सबका मकसद.
पिछले दिनों हुई कार्यकारिणी के एलान के बाद भाजपा के युवा नेताओ ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. इस सवाल के जवाब में नेता विपक्ष ने कार्यकर्ताओं के बीच किसी भी तरह के अंतर्कलह को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि वे खुद क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं से मिल रहे है. ना ही नए और ना ही पुराने पदाधिकारी नियुक्तियों से नाराज है. आज हर एक कार्यकर्ता की कोशिश यही है कि किस तरह से कांग्रेस की सरकार को सत्ता से हटाया जाए.
कोरोना से निपटने में सरकार फेल, इलाज के नाम पर हुई लूट.
धरमलाल कौशिक ने कोरोना से निबटने में राज्य सरकार को पूरी तरह फेल बताया. उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि केंद्र के आयुष्मान योजना को अमल में नही लाया गया नतीजतन हर वर्ग के मरीजो को इलाज के नाम और अस्पतालों में लूटा गया. वे सरकार से मांग करते है कि आयुष्मान योजना के निष्प्रभावी होने से जो आर्थिक नुकसान आमजनो को हुआ है वह पैसा उन्हें वापिस लौटाया जाए. वैक्सीनेशन के लिए केंद्र नव पूरे देश मे तेईस करोड़ वैक्सीन खुराक का वितरण किया है. दूसरे राज्यो की तरह छत्तीसगढ़ को बजी नब्बे लाख खुराक की आपूर्ति केंद्र ने की थी लेकिन उनका उपयोग नही हो सका.जवाबदार लोगो ने टीकाकरण के सुरक्षा पर भ्रम फैलाने का काम किया.
नही बख्शे जाएंगे भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी.
अधिकारियों के करप्शन के मुद्दे पर कहा कि आज अधिकारी खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे है और डंके की चोट पर कर रहे है. यदि उन्हें ऐसा लगता है कि सरकार के संरक्षण में कोई उनपर कार्रवाई नही कर सकता तो वाज ऐसे अफसरों की साफ चेतावनी देना चाहते है कि प्रदेश का कोई भी ऐसा अधिकारी ना छोड़ा जाएगा और न ही बख्शा जाएगा.