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आईएमडी ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून के लिए पहले दीर्घावधि पूर्वानुमान में एलपीए की 98 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया था, जो सामान्य श्रेणी में आता है. लेकिन अब उसने अपने पूर्वानुमान को एलपीए का 101 प्रतिशत कर दिया है जो सामान्य श्रेणी में उच्च स्तर की ओर है.

नई दिल्ली 02 जून (KRB24NEWS) : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य, मध्य भारत में सामान्य से अधिक और पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है.

दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2021 के लिए अपना दूसरा दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी करते हुए आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश में जून में मॉनसून सामान्य रहने का पूर्वानुमान है जो बुवाई का भी मौसम होता है.

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इस साल पूरे देश में मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है.

कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए यह एक अच्छी खबर है. दक्षिण-पश्चिम मानसून काफी हद तक कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर आधारित देश की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है.

देश का बड़ा हिस्सा कृषि के अलावा जलाशयों को भरने के लिए चार महीने की बारिश के मौसम पर निर्भर है.

महापात्र ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि हम अच्छे मॉनसून की उम्मीद कर रहे हैं जिससे कृषि क्षेत्र को मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि मात्रात्मक रूप से, देश में मॉनसून की बारिश के दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 101 प्रतिशत रहने की संभावना है. जिसमें चार प्रतिशत कम या ज्यादा की आदर्श त्रुटि हो सकती है.

एलपीए के 96 से 104 प्रतिशत के दायरे में मॉनसून को सामान्य माना जाता है.

वर्ष 1961-2010 अवधि के लिए पूरे देश में मॉनसून की बारिश का एलपीए 88 सेंटीमीटर है.

आईएमडी ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2021 के लिए पहले दीर्घावधि पूर्वानुमान में एलपीए की 98 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया था, जो सामान्य श्रेणी में आता है. लेकिन अब उसने अपने पूर्वानुमान को एलपीए का 101 प्रतिशत कर दिया है जो सामान्य श्रेणी में उच्च स्तर की ओर है.

महापात्र ने कहा कि 40 प्रतिशत संभावना सामान्य बारिश की है, 22 प्रतिशत संभावना सामान्य से अधिक वर्षा की है, 12 प्रतिशत संभावना अत्यधिक बारिश होने की है तथा 18 प्रतिशत संभावना सामान्य से कम वर्षा की है.

महापात्र ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के तीन जून को केरल पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. केरल में मानसून के आगमन की सामान्य तारीख एक जून है और इसके साथ ही चार महीनों के वर्षा के मौसम की शुरुआत होती है.

उन्होंने कहा कि आईएमडी इस साल से मौसत के सभी चार महीनों के लिए मासिक वर्षा का पूर्वानुमान देगा.

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