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18 प्लस वैक्सीनेशन में तीन कैटेगरी में टीकाकरण को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने वैक्सीन डोज की बर्बादी को लेकर नाराजगी जताई है. मामले में कोर्ट ने दो दिन के भीतर सरकार को शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी.
बिलासपुर 17मई (KRB24NEWS): 18+ टीकाकरण मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) को वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि एक वर्ग के सेंटर के बचे हुए टीकों का इस्तेमाल दूसरे वर्ग के लिए होना चाहिए. इसके लिए विभिन्न सेंटरों में वैक्सीन भेजना चाहिए. जिससे लोगों को लंबी लाइन से निजात मिल सके. कोर्ट ने कहा कि सेंटर के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी है. ऐसे में वैक्सीन की बर्बादी रोकनी होगी. मामले में कोर्ट ने सरकार को दो दिन में शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. अगली सुनवाई 19 मई को होगी. मामले सुनवाई की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू की डबल बेंच ने की.
जानिए क्या है पूरा मामला
राज्य सरकार ने एक मई से 18+ के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी. इसमें अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों को टीका लगवाने का ऐलान किया था. इसपर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि बीमारी पूछ कर नहीं आती. कोर्ट की नाराजगी के बाद ही सरकार ने आनन-फानन में टीकाकरण दोबारा शुरू किया था. सरकार ने अभी टीका सेंटरों को तीन कैटेगरी में बांटा है. जिसमें अंत्योदय, बीपीएल और एपीएल वर्ग शामिल है. ऐसे में अंत्योदय कार्ड धारियों की कम संख्या के सेंटरों में आने की वजह से टीकों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बावजूद लोगों को टीके की उपलब्धता न होने की वजह से लौटाया जा रहा है. मामले में हाईकोर्ट ने अब राज्य सरकार को बुधवार तक शपथ पत्र पेश करने का आदेश जारी किया है.
CG TEEKA में सही व्यवस्था नहीं
अधिवक्ता पलाश तिवारी ने कहा कि हर वैक्सीनेशन सेंटर के बाहर लंबी-लंबी लाइन लग रही है. लोग घंटों खड़े रहते हैं, फिर लौट जाते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र के कोविन एप में वैक्सीन लगवाने के लिए 5 दिन आगे तक की तारीख मिल रही है. CG TEEKA में सही व्यवस्था नहीं है. इसमें भी ऐसा होना चाहिए कि उतने ही हर सेंटर के लिए रजिस्ट्रेशन मिले, जितनी वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई गई, जिससे लोग परेशान न हों.