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कोरबा : कुसमुंडा क्षेत्र की महिलाओं ने आज SECL प्रबंधन के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. महिलाओं ने SECL मुख्यमहाप्रबंधक कार्यालय के मुख्य गेट पर तालाबंदी करते हुए सामने चारपाई (खाट) बिछाई और बर्तन रखे और जमकर नारेबाजी की. महिलाओं ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीणों से जमीनें ले ली गई, लेकिन अब तक नौकरी नहीं दी गई और न ही रोजगार का कोई और साधन दिया गया.

महिलाओं का आरोप है कि SECL ने पटवारी के साथ मिलीभगत कर उनकी 3 पीढ़ी पुरानी जमीन को किसी मेघनाथ नामक व्यक्ति को बसावट के लिए दे दिया है. जबकि मेघनाथ को मना करने पर वह कहता है कि जाकर SECL प्रबंधन से लड़ें. महिलाओं का कहना है कि प्रबंधन ने उनकी जमीनें हथिया लीं, लेकिन अबतक उन्हें कोई मुआवजा, नौकरी या पूर्ण निवास नहीं दिया है. विस्थापित परिवारों और स्थानीय ग्रामीणों को लंबे समय से रोजगार दिलाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

महिलाओं का आरोप है कि खदान विस्तार के लिए आसपास के गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन उसके बदले न तो स्थायी नौकरी दी गई और न ही वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया गया. इससे कई परिवार आर्थिक तंगी से गुजरने को मजबूर हैं.

आंदोलन जारी रखने की चेतावनी धरना स्थल पर मौजूद महिलाओं ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रबंधन ने उनकी बातों को अनसुना किया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और परिवारजन भी इसमें शामिल होंगे.

महिलाओं की अचानक की गई तालाबंदी और विरोध प्रदर्शन से एसईसीएल प्रबंधन सकते में आ गया. मुख्य गेट से आने-जाने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी असहज स्थिति में नजर आए. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया ताकि किसी भी तरह की अनहोनी घटना को रोका जा सके.