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मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान को समर्पित किया गया है। इस दिन बजरंग बली का सुमिरन करने मात्र से जातकों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। बजरंग बली को कलयुग को देवता कहा जाता है। पंचांग की मानें तो मंगलवार 1 जुलाई को आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष षष्ठी और सप्तमी तिथि है। इस शुभ मौके पर देवी मां दुर्गा और बजरंग बली की पूजा की जा रही है। इस दिन व्रत व पूजन से मां दुर्गा और हनुमान जी की कृपा बरसती है। साथ ही उनकी कृपा से करियर संबंधी सभी परेशानी दूर हो जाती है। पूजन के दौरान कुछ मंत्रों के जप से जातक अपने सभी कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र भी इस बात का मानता है कि मंगलवार के दिन कुछ मंत्रों के जप से शनि समेत अशुभ ग्रहों के प्रभावों को खत्म किया जा सकता है। इतना ही नहीं हनुमान जी का नाम सुनते ही शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और जातक के दुख स्वयं दूर कर देते हैं। बजरंग बली को राम का नाम अधिक प्रिय है, ऐसे में मंगलवार के दिन राम परिवार के साथ ही बजरंगी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही पूजा के दौरा इन मंत्रों का जप करना चाहिए….

मंगलवार के दिन जपें ये मंत्र

    • ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
      श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
      रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
    • अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
      दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
      सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
      रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
      ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
    • ॐ  नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
      प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
    • ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय
      रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति
      भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
    • ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
      सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
    • ॐ दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धी महि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥
    • राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
      सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ।।
    • ॐ जानकीकांत तारक रां रामाय नमः॥
    • ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम ,
      लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
      श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
      रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
    • ॐ राम ॐ राम ॐ राम।
      ह्रीं राम ह्रीं राम।
      श्रीं राम श्रीं राम।
      क्लीं राम क्लीं राम।
      फ़ट् राम फ़ट्।
      रामाय नमः।
      श्री रामचन्द्राय नमः।
      श्री राम शरणं मम्।
    • ॐ रामाय हुँ फ़ट् स्वाहा।
      श्री राम जय राम जय जय राम ।
      राम राम राम राम रामाय राम ।
      ॐ श्री रामचन्द्राय नम :