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Manu Bhaker Father Reaction: मनु भाकर जिनके लिए साल 2024 अब तक का सबसे शानदार साल रहा है जिसमें उन्होंने फ्रांस की राजधानी पेरिस में खेले गए ओलंपिक खेलों में शूटिंग के 2 अलग-अलग इवेंट्स में ब्रॉन्ज मेडल को अपने नाम किया था। मनु देश की पहली ऐसी महिला एथलीट भी बनी जिन्होंने एक ही ओलंपिक में 2 मेडल अपने नाम किए। वहीं अब एक नया विवाद भी देखने को मिल रहा है, जिसमें इस साल ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड पाने वाले एथलीट में मनु का नाम शामिल नहीं है। 30 लोगों की जो शॉर्टलिस्ट सूची है उसमें मनु का नाम नहीं होने से जहां उन्हें निराशा हुई है तो वहीं दूसरी तरफ उनके पिता राम किशन का भी बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी को शूटिंग में डालने का पछतावा है, उन्हें उसे क्रिकेट में डालना चाहिए था।
मैं सभी माता-पिता से कहना चाहूंगा कि अपने बच्चों को ओलंपिक खेलों में आगे नहीं बढ़ाए
ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड लिस्ट से मनु भाकर का नाम लिस्ट से गायब होने पर उनके पिता राम किशन ने पीटीआई से बातचीत के दौरान कहा कि ये मेरी गलती है कि मैंने मनु को इस खेल की तरफ लेकर जाने का काम किया। मैं देश के सभी माता-पिता से कहना चाहूंगा कि अपने बच्चों को खेल में आगे नहीं बढ़ाए लेकिन यदि आपको पैसा चाहिए तो फिर क्रिकेट में उन्हें आगे बढ़ाए नहीं तो अपने बच्चों को आईएएस या फिर पीसीएस बनाए। हम साल 2036 में होने वाले ओलंपिक गेम्स की मेजबानी को लेकर बात कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ आप अपने ही एथलीटों का आत्मविश्वास तोड़ने का काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को आईएएस या फिर पीसीएस बनाए ताकि उनके हाथ में ताकत रहे जिससे वह ये तय कर सके कि किसे खेल रत्न अवॉर्ड मिलना चाहिए।
कोच जसपाल राणा ने खेल मंत्रालय की आलोचना
जसपाल राणा जो मनु भाकर के कोच हैं उन्होंने भी इस पूरे मामले में पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में खेल मंत्रालय की जमकर आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वह सभी दोषी हैं। आखिर आप कैसे कह सकते हैं कि मनु ने आवेदन नहीं किया? वह देश की पहली ऐसी महिला निशानेबाज है जिसने एक ही ओलंपिक में 2 पदक जीते हैं। उसका नाम तो लिस्ट में पहले से ही अपने आप होना चाहिए था। इस तरह की चीजें सिर्फ आपको आगे बढ़ने से रोकती हैं।