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नई दिल्ली : ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी20 सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को ग्लोबल साउथ और उसकी चुनौतियों के बारे में बात की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से दुनिया में चल रहे संघर्षों के कारण पैदा हुए खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट का ग्लोबल साउथ के देशों के ऊपर सबसे बुरा असर हुआ है। ऐसे में जी20 को उनकी चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

नाइजीरिया की यात्रा के बाद ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र के दौरान कहा कि भारत ब्राजील की उस पहल का समर्थन करता है, जिसमें वह भूख और गरीबी के खिलाए एक गठबंधन बनाने की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं यह कहना चाहूंगा कि वैश्विक संघर्षों के कारण जो खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरकों का संकट पैदा हुआ है उसका सबसे प्रतिकूल असर ग्लोबल साउथ के देशों के ऊपर हुआ है। इसलिए, हमारी चर्चा तभी सफल हो सकती है जब हम ग्लोबल साउथ की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेंगे।

वैश्विक प्रशासन में सुधार की बात करते हुए पीएम ने कहा कि दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान जैसे हमने अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करके ग्लोबल साउथ की आवाज को एक मजबूत विकल्प उपलब्ध कराया था। उसी प्रकार हम वैश्विक प्रशासन में भी सुधार करेंगे।

मेजबान ब्राजील की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि ब्राजील ने भी दिल्ली की ही तरह जन केंद्रित निर्णयों को आगे बढ़ाया है। इसमें शिखर सम्मेलन में भी मुख्यत: सतत विकास, ग्लोबल साउथ की आकांक्षओं और समावेशी विकास को ही प्राथमिकता दी गई है।

भूख और गरीबी मिटाने की भारत की पहल पर प्रकाश डालते हुए पीएम ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में करीब 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। वर्तमान में हम करीबी 800 मिलियन लोगों को फ्री में खाद्यान्न वितरित कर रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से कुल 550 मिलियन लोगों को लाभ पहुंच रहा है, जबकि 60 मिलियन वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा से लाभ होगा। पीएम ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना के तहत 40 मिलियन से अधिक किसानों को 20 बिलियन डॉलर का लाभ मिला। किसान योजना के तहत 40 अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी गई और 300 अरब डॉलर का संस्थागत ऋण किसानों को दिया गया। वैश्विक सहायता की बात करते हुए पीएम ने कहा कि भारत वैश्विक खाद्यान्न सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है। हमने हाल ही में मलावी, जाम्बिया और जिम्बाम्बे को मानवीय सहायता प्रदान की है।

इसी दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन की शुरुआत करके जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत की और विश्व भूख को मानवता को शर्मसार करने वाला संकट बताया। इस पहल के लिए कुल 81 देशों ने हस्ताक्षर किए, हालांकि अर्जेंटीना एकमात्र G20 सदस्य देश था जिसने इसका समर्थन नहीं किया।