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हरदीबाजार 2 नवंबर 2023(KRB24NEWS):
एशिया की नंबर वन कोयला खदान गेवरा-दीपका जहां से रोजाना रेल मार्ग व सड़क मार्ग से बेहिसाब कोयला अन्य प्रदेशों व पावर प्लांटों सहित ईंट भट्टों छोटे-छोटे कारखानों को जाता है । जिससे कोरबा जिला में चारों तरफ से भारी वाहनों का दबाव दिनों -दिन बढ़ता ही जा रहा है । जिससे कोयल इंडिया सहित प्रदेश सरकार को कई करोड़ राजस्व मिलता है ।
लेकिन क्षेत्र की बदकिस्मती कहिए या दुर्गति,सड़क की गंभीर समस्या मुंह उठाए खड़ी है,जिसके कारण कई मासूम जिंदगी व आम लोग काल के गाल में समां चुके हैं और यही स्थिति रही तो भविष्य में इस से इंकार नहीं किया जा सकता ।
आप को ज्ञात हो कि हरदीबाजार से दीपका बाईपास सड़क जिसकी दूरी 5 किमी थी जिसे 2018 में दीपका कोयला खदान विस्तार की बजह से काट कर ज़मीन के नीचे से कोयला निकाला जा चुकी है,चुंकी अब हरदीबाजार – दीपका न्यू बाईपास सड़क आमगांव चौक से दीपका थाना चौक तक 7 किमी दूरी जिसे दो भाग में बिनी किसी मापदंड के जल्दबाजी में बनाया गया जो कुछ ही वर्षों में जर्जर हो गई नतीजा सड़क कोयला लोड भारी वाहनों की बेतहाशा आवाजाही से सड़क पिचक कर बाहर आ गई जिसे लेकर विभिन्न संगठनों, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के द्वारा कई बार जनहित में चक्काजाम, धरना प्रदर्शन किया वहीं एसईसीएल के कर्मठ, निष्ठावान अधिकारियों के द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया जो(झुठा) सिफर ही रहा ,आज वर्तमान में सड़क की हालत बत से बत्तर हो गई हैं ।
इस मार्ग से यात्री बसें, स्कूल वाहन,चार पहिया,बाईक चालक, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, एसईसीएल के कर्मचारी,अन्य कंपनियों में कार्यरत कर्मचारी, साईकिल सवार जान जोखिम में डाल कर आना जाना करते है,इसके बावजूद भी एसईसीएल के कर्मठ व निष्ठावान अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंकती जिसका नतीजा इस मार्ग से गुजरने वाले सभी को सड़क की खस्ताहाल,धूल से सराबोर सड़क से होकर आवाजाही करना पड़ रहा है ,बाईक सवार यदि हेलमेट पहने तो हेलमेट में धुल जम जाने कुछ दिखाई नहीं देता है, सड़क पर दिन में भी अंधेरा छा जाता है, हरदीबाजार, आमगांव दर्राखांचा,सराईसिंगार,मलगांव भी इस धूल के गुब्बारे से अछूते नहीं है ।
चारपहिया,यात्री बस व स्कूल वाहन, बच्चों से भरे वाहन चालक, कब अपने गंतव्य तक पहुंचे इसकी चिंता स्वयं के साथ वाहन चालकों, परिजनों को लगी रहती है । इस ओर सड़क को बनाने, स्ट्रीट लाइट को सुधार कर जलाने व बाईक चालकों के लिए बने सड़क को भी सुधारने के लिए जिला प्रशासन को गंभीर होकर क्षेत्र हित, जनहित को ध्यान में रख के एसईसीएल प्रबंधन पर दबाव बनाने की जरूरत है, नहीं तो एसईसीएल प्रबंधन पर क्षेत्र के जनमानस के जीवन से खेलवाड करने,नाना प्रकार के बीमारी फैलाने,वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण फैलाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है ।