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कोरबा 21 जून ( कोरबा 24 न्यूज़ ): एक दशक बाद इस तरह की स्थिति जून के महीने में बनी है जबकि बहुद्देशीय हसदेव बांगो बांध परियोजना का जल भराव स्तर 356 मीटर तक जा पहुंचा है। यह अपनी कुल क्षमता से केवल 3 मीटर दूर है। ऐसे में पूरी संभावना है कि बहुत जल्द यहां गेट खोलकर पानी को हसदेव में छोड़ा जा सकेगा। ऐसा होने पर बाढ़ के हालात बन सकते हैं। प्रशासन को इस दौरान कई चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है।

60 के दशक में तैयार हुई हसदेव बांगो बांध परियोजना का कुल जल भराव क्षेत्र 359.59 मीटर है। विश्व बैंक के सहयोग से यह परियोजना पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा बनाई गई थी। हसदेव नदी पर आधारित इस वृहद परियोजना से जहां कोरबा जिले के एनटीपीसी, विद्युत मंडल, बालको जैसे उद्योगों को पानी मिल रहा है। वहीं जांजगीर-चांपा और रायगढ़ के कुछ हिस्से में कृषि के लिए सिंचाई सुविधा की निर्भरता भी तय हो रही है। बड़ी संख्या में नहरों का जाल इस परियोजना के जरिए बिछाया गया है। हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा मयस्सर करने और अधिकतम लाभ दिए जाने के मामले में यह परियोजना वरदान साबित हुई है। खास बात यह है कि कोरबा जिले में स्थित हसदेव बांगो बांध में जल भराव के लिए सीमावर्ती कोरिया और सूरजपुर जिले में होने वाली बारिश सबसे अहम भूमिका निभाती है। इन जिलों में जून के पहले पखवाड़े में ही मानसून के प्रभाव से हुई अच्छी बारिश ने न केवल हसदेव बल्कि सहयोगी नदियों को जरूरी पानी दिए। इसका असर यह हुआ कि अधिकतम मात्रा में पानी की पहुंच हसदेव बांध तक हुई। जल संसाधन विभाग का कहना है कि बीते एक दशक में अब तक पहली बार ऐसी स्थिति बनी है जबकि जून की समाप्ति से पहले यह बांध अपने कुल जल भराव स्तर की ओर पहुंचता दिख रहा है। पहले होता यह था कि या तो बांध पूरा भरता नहीं था या अगर ऐसा होता भी था तो इसके लिए अगस्त तक का इंतजार करना होता था। इस बार बारिश ने बांध की प्यास समय से बहुत पहले बुझा दी है। ऐसे में लगभग तय है कि जल्द ही यह बांध अपने कुल जल भराव के स्तर तक पहुंचेगा। इसी स्थिति के आधार पर बांध के गेट खोले जाएंगे। विभाग का कहना है कि रबी की फसल के लिए यहां से नहरों को पानी दिए जाने का क्रम भी बांध के जल भराव पर निर्भर करता है। इसलिए जरूरी है कि हर वर्षाकाल में बांध बेहतर स्थिति में रहे।

82 फीसदी पानी है बांध में-

वर्तमान स्थिति में हसदेव बांगो बांध में जल भराव 82 फीसदी तक हो चुका है। यानि यह अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से 18 फीसदी दूर है। यहां पर कुल क्षमता 359.59 मीटर के विरूद्ध अभी 356 मीटर पानी भर चुका है। बांध के पूरी तरह भर जाने या उसके करीब जाने के साथ गेट खोलने की नौबत आती है। जैसे-जैसे बारिश का क्रम बनता है और यहां पानी एकत्र होता है। इस आधार पर गेट खोलने के निर्णय लिए जाएंगे। इस बारे में प्राथमिक रूप से प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।
– केशव कुमार, कार्यपालन अभियंता, हसदेव बांगो बांध

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