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टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है. टीम ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. भारत की तरफ से एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने दागा. टीम पूरे मैच में कंगारू टीम पर हावी रही और लगातार अटैकिंग गेम को जारी रखा.

टोक्यो: टोक्यो ओलंपिक के 11वें दिन (2 अगस्त) भारत की महिला हॉकी टीम ने इतिहास रचा दिया है. रानी रामपाल की इस टीम ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया है. इसी के साथ उसने पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है.

बता दें, भारत आज एथलेटिक्स में भी इतिहास रच सकता है. कमलप्रीत कौर डिस्कस थ्रो के फाइनल में उतरेंगी. वह पदक जीतने में कामयाब रहीं तो एथलेटिक्स में मेडल लाने वाली पहली भारतीय बन जाएंगी.

ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच- 2 पर खेले गए इस ऐतिहासिक मैच में हाकेरूज नाम से मशहूर आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मैच का एकमात्र गोल 22वें मिनट में गुरजीत कौर ने किया. यह गोल पेनाल्टी कार्नर पर हुआ. दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2 आस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची.

भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है. मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था. मास्को ओलंपिक में महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था, इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था. जिम्बाब्वे ने पूल चरण के समापन पर पूल के शीर्ष पर स्वर्ण पदक जीता. चेकोस्लोवाकिया और सोवियत संघ ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता.

भारत ने पूल में पांच मैचों में दो जीत हासिल की थी, उसका एक मैच ड्रॉ रहा था. जबकि उसे दो मैचों में हार मिली थी. पांच अंकों के साथ भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था. इसके बाद भारत ने साल 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नमेंट में अंतिम स्थान पर रही थी. भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था.

भारत के लिए दोहरी खुशी

इस गेम में भारत के लिए 2 दिनों में ये दूसरी खुशी है. रविवार को पुरुष हॉकी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारत ने ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) को 3-1 से मात दी. 49 साल बाद पुरुष हॉकी की टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है.

इससे पहले मॉन्ट्रियल ओलंपिक (1972) में भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. हालांकि भारतीय टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन उस दौरान भारत ने 6 टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.

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