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कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले पीएम मोदी ने संभावित मंत्रियों के साथ बैठक की. कुल 43 लोग मंत्रिमंडल में शामिल होंगे. 43 लोगों में 7 महिला मंत्री शामिल हैं.
नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले पीएम मोदी ने संभावित मंत्रियों के साथ बैठक की है. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा भी मौजूद हैं. पीएम मोदी की कैबिनेट में जो 43 मंत्री शामिल होंगे, उनकी सूची जारी कर दी गई है.
मोदी कैबिनेट विस्तार : 43 मंत्री होंगे शामिल
मंत्रिमंडल में कुल सात महिलाओं को जगह दी गई है. इसमें अनुप्रिया सिंह पटेल , शोभा करंदलाजे ,अन्नपूर्णा देवी, मीनाक्षी लेखी ,दर्शना वी जार्दोश ,प्रतिमा भौमिक और भारती प्रवीण पवार के नाम शामिल हैं.
मंत्रिमंडल में कुल सात महिलाओं को मिली जगह
मंत्रिमंडल में जिन नए नेताओं को जगह मिली है, इनमें नारायण राणे , भूपेंद्र यादव , जदयू नेता आरसीपी सिंह के नाम शामिल हैं.
पीएम मोदी की बैठक की जो तस्वीर जो सामने आई है इसमें पहली कतार में आरसीपी सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया , सर्बानंद सोनोवाल ,नारायण राणे देखे जा सकते हैं.
कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले पीएम मोदी ने संभावित मंत्रियों के साथ की बैठक
बैठक में लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस भी मौजूद रहे. उनके मंत्री बनने को लेकर विवाद भी हो रहे हैं. चिराग पासवान ने इस मामले में पशुपति पारस के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
इसके अलावा पीएम मोदी की बैठक में शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी और रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे.
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन समेत कई मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. श्रम मंत्री संतोष गंगवार और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है.
बता दें कि पारस को मंत्रिमंडल में शामिल न करने लेकर लोजपा नेता चिराग पासवान ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था. उन्होंने कहा था कि किसी को भी अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. लेकिन न तो मेरे चाचा पशुपति नाथ पारस और न ही किसी अन्य पार्टी सांसद को लोजपा कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए जो अब मेरे पिता द्वारा स्थापित पार्टी से जुड़े नहीं हैं. अगर मेरे चाचा को लोजपा कोटे से या लोजपा सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो हम अदालत जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर इनमें से किसी को भी निर्दलीय मंत्री बनाया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
पशुपति पारस के खिलाफ चिराग ने कहा था कि उन्होंने निर्वाचन आयोग को पहले ही सूचित कर दिया है कि मेरे चाचा और पार्टी के अन्य सांसद प्रिंस राज (चिराग के चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर अब लोजपा के सदस्य नहीं हैं. चिराग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपनी पार्टी तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार चुनाव के दौरान और उससे पहले भी नीतीश कुमार द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का लगातार प्रयास किया गया था.