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छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में हो रही बारिश ने कहर का रूप ले लिया. जिले के पांडातराई के चारभाटा गांव में आकाशीय बिजली गिरने से तीन महिलाओं की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि महिलाएं शादी समारोह से लौट रही थीं. तभी तेज बारिश शुरू हो गई. सभी महिलाएं बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे जाकर खड़ी हो गईं. इस दौरान आकाशीय बिजली पेड़ पर गिरी, जिसमें तीन महिलाओं की मौके पर मौत हो गई.

कवर्धा: बारिश के साथ ही आकाशीय बिजली ने तीन जिंदगियां खत्म कर दी. कवर्धा में आकाशीय बिजली गिरने से तीन महिलाओं की मौत हो गई है. जिसके बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है. बताया जा रहा है कि महिलाएं शादी समारोह से लौट रही थीं. तभी तेज बारिश शुरू हो गई. सभी महिलाएं बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे जाकर खड़ी हो गईं. इस दौरान आकाशीय बिजली पेड़ पर गिरी, जिसमें तीन महिलाओं की मौके पर मौत हो गई. ये पूरी घटना कवर्धा के पांडातराई के चारभाटा गांव की है.

स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन को खबर दी. जिसके बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और महिलाओं के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद शव को उनके परिवार को सौंपा जाएगा.

क्या होती है आकाशीय बिजली ?

आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है. यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलती है. ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान तेज कड़क आवाज सुनाई देती है. बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कैसे बचें ?

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आकाशीय बिजली जिसे गाज भी कहा जाता है. इससे बचने के लिए कुछ निर्देश दिए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान, खुले में काम करने वाले लोग आते हैं.आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि आकाशीय बिजली से थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए तो आसानी से बचा जा सकता है.

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए
  • बिजली के खंभे और टावर के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए
  • अगर आप खेत में है तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • खेत में दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए
  • लोहे समेत धातु से बने सामान साइकिल आदि से दूर रहना चाहिए.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले पीड़ित को अस्पताल ले जाएं

अक्सर ग्रामीण इलाकों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले परंपरागत तरीके से इलाज करने की कोशिश की जाती है. जैसे गोबर में डुबा देना या गड्ढे में कमर से ऊपर तक गड़ा देना. लेकिन इससे मामला और बिगड़ जाता है. इसलिए आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले को तत्काल अस्पताल ले जाना ही उचित होता है. जिससे उसकी जान बचाई जा सके.

हर साल आकाशीय बिजली की चपेट में आने से होती है कई लोगों की मौत

आकाशीय बिजली से हर साल देश में कई लोगों की मौत हो जाती है. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से बड़ी तादाद में मवेशी भी इसकी जद में आ जाते हैं. बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी इस प्राकृतिक आपदा से हर साल लगभग 100 लोगों की मौत होती है. कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. खास तौर पर बारिश के मौसम के ठीक पहले बिजली गिरने से लोगों के मारे जाने की घटनाओं में अधिकता देखी जाती है.

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