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कोरबा (KRB24 News) : पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरबा जिले के सभी गौठानों में ग्रामीणों द्वारा पैरादान का अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गौठानों में आने वाले मवेशियों के लिए पैरे की भरपूर व्यवस्था करने पैरादान अभियान शुरू करने के निर्देश आज समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने ग्रामीणों से अपील भी की है कि धान फसल की कटाई के बाद निकले पैरा को वे अधिक से अधिक मात्रा मंे अपने गांव के नजदीक के गौठान में दान करें। कलेक्टर ने अपनी अपील में कहा है कि जिले में बने गौठानों में पशुओं को डे-केयर के रूप में भोजन उपलब्ध कराने के लिये चारे के साथ-साथ बड़ी मात्रा में पैरे की आवश्यकता की पूर्ति ग्रामीणों से ही की जानी है। फसल कटाई के बाद देश के अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी किसान खेतों में पैरा या फसल अवशेषों को जला देते हैं। इस पैरा को खेतों में जलाने की बजाय गौठानों में दान करें।
समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में श्रीमती कौशल ने कृषि विभाग सहित सभी विभागों के मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अधिक से अधिक किसानों से मिलकर फसल कटाई के बाद पैरा को उनके ही पशुओं को खिलाने के लिये गौठानों में दान कराने के लिये जागरूक और प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में पैरादान के इस अभियान में ग्राम पंचायत स्तरों पर गठित महिला स्व सहायता समूहों की भी मदद लेने के निर्देश कलेक्टर ने दिये है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी गांवों में महिलाओं को पैरादान के प्रति जागरूक करने का काम स्व सहायता समूहों की दीदियाॅं करेंगी। गौठानों में आने वाले पैरा को सुरक्षित रखने के लिये भी पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश कलेक्टर ने अधिकारियों को दिये हैं। मचान बनाकर पैरा को रखने की व्यवस्था, बारिश आदि की स्थिति में ढॅंकने के लिये तारपोलिन की भी व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को बैठक में दिये गये हैं। बैठक में कलेक्टर ने गौठानों में पैरा रखने के चबूतरे के चारों ओर बाड़े बनाने के साथ पैरा को जानवरों को खिलाने के लिये कटिंग मशीन की भी व्यवस्था रखने के निर्देश भी दिये है। गौठानों से संबद्ध चारागाहों में तैयार हरे चारे की फसलें और किसानों से दान में मिले पैरा को साथ मिलाकर पशुओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा कर ली गई है। फसल कटाई के बाद जनसहयोग से गौठान में पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता बढ़ाने तथा धान कटाई और मिंजाई के बाद पैरे को बंडल बनाकर गौठानों तक पहुॅंचाने के लिये भी स्व-सहायता समूहों की मदद ली जायेगी। श्रीमती कौषल ने गौठानों में पैरादान पंजी रखने के भी निर्देष दिये। इन पंजियों में पैरादान करने वाले किसानों के नाम के साथ-साथ दान किये गये पैरे की मात्रा का भी रिकाॅर्ड रखा जायेगा।

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