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कोरबा (KRB24 News) : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने आज छत्तीसगढ़ के कोरबा सहित दस आकांक्षी जिलों में निर्धारित किये गये सूचकांको पर केन्द्र सरकार की योजनाओं, विकास कार्यों की समीक्षा की। वीडियो काॅन्फ्रंेसिंग के माध्यम से श्री कांत दिल्ली से यह समीक्षा बैठक की। इस बैठक में आयोग के सीईओ ने पिछले छह महीनों से कोरोना संक्रमण के कारण जिले में जनहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की धीमी पड़ी रफ्तार को भी अब तेज करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने स्वास्थ्य, पोषण, किसानों के लिये सिंचाई की सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ नगदी फसलों की खेती और द्वि-फसली रकबे को बढ़ाने के लिये तैयार की गई केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं में तेजी से क्रियान्वयन किये जाने की जरूरत पर जोर दिया। श्री कांत ने जिले में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी कलेक्टर श्रीमती कौशल से ली। छत्तीसगढ़ के सभी आकांक्षी जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए। कोरबा जिले से कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार तथा विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हुए। आयोग के सीईओ ने आने वाले दिनों में पशुपालन से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के वितरण और मुद्रा लोन से स्वरोजगार को बढ़ाने के लिये विशेष प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंनेे कोविड संक्रमण के कारण कोरबा जिले में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़े प्रभाव की भी जानकारी कलेक्टर श्रीमती कौशल से ली और कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए आने वाले समय में योजनाओं के क्रियान्वयन की गति बढ़ाने के उपाय करने के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान आयोग के सीईओ ने कोरबा जिले में गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, संस्थागत प्रसव सहित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषण योजनाओं से लाभान्वित करने, नौ से ग्यारह माह के बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण का काम तेज करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कुपोषण मिटाने के लिये केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित सुपोषण योजनाओं में तेजी और पारदर्शिता से कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। पूरक पोषक आहार की उपलब्धता, गुणवत्ता और सही मात्रा पर जोर देते हुए आयोग के अधिकारियों ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को अधिक सशक्त बनाने और बच्चों के शारीरिक तथा मानसिक विकास की पूरी निगरानी रखने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये स्कूलों में आधारभूत संरचनाओं के विकास और क्लस्टर वार माॅडल स्कूल बनाने पर आयोग के अधिकारियों ने जोर दिया तथा स्कूलों में विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत प्रवेश सुनिश्चित करने और कोई भी बच्चा ड्राॅप आउट नहीं होना सुनिश्चित करने को कहा। कृषि और सिंचाई रकबे में वृद्धि के लिये नीति आयोग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री किसान योजना के बेहतर क्रियान्वयन और किसान उत्पादक समूह बनाकर छोटी प्रसंस्करण ईकाईयां लगाने के प्रयास करने के निर्देश दिये। अधिकारियों ने गौवंश की नस्ल सुधार और उनका अधिक से अधिक कृषि तथा रोजगार मूलक कार्यों में उपयोग करने के लिये कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश दिये। युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने आजीविका महाविद्यालयों के साथ-साथ आईटीआई, महाविद्यालयों और स्कूलांे में भी व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने के लिय कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी बैठक मे दिये गये।
सीईओ ने सभी आकांक्षी जिलों के कलेक्टरों को निर्धारित सूचकांको पर प्रतिमाह समीक्षा करने के निर्देश भी दिये। श्री कांत ने विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर शीघ्र नियुक्ति के लिये भी प्रयास करने को कहा। उन्होंने भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में परेशानी होने पर वरिष्ठ अधिकारियों से तत्काल मार्गदर्शन लेने का सुझाव भी दिया। सीईओ ने जिलों के विकास के लिये बनने वाली कार्ययोजनाओं में एडीबी और यूएनडीपी की टीम से भी मदद लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये। श्री अमिताभ कांत ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कृषि एवं सहकारिता, वित्त और कौशल विकास मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी समय-समय पर किये जा रहे कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिये।
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग द्वारा कोरबा सहित छत्तीसगढ़ के दस जिलों को आकांक्षी जिलों में शामिल किया गया है। केन्द्र सरकार की कार्य योजना के तहत इन सभी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, कृषि, पोषण, बिजली, सामाजिक सुरक्षा और स्वरोजगार जैसी जनहितकारी योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाना है। योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित 49 सूचकांक भी नीति आयोग द्वारा निर्धारित किये गये हैं। आज इन्हीं सूचकांको और इनसे संबंधित उप सूचकांको पर जिलों की प्रगति की समीक्षा की गई।