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कोरबा पाली/26 अक्टूबर 2024 (KRB24NEWS)
जिला स्तरीय राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर के चौथे दिवस जिला संगठक वाई के तिवारी के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन , कार्यक्रम अधिकारी प्रीति द्विवेदी, महाबीर प्रसाद चंद्रा, गोविंद राम देवांगन, एम उपाध्याय ,जितेंद्र साहू, हरिशंकर डिक्सेना की अगुवाई में ट्रैकिंग कार्य के अंतर्गत चैतुरगढ़ पर्वत का परिक्रमा करते हुए ,वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्मित 9 साइट पॉइंट राजा बैठक , मडहाउस , केरा झोरकी, घोसर्रा, नगोई भाठापहुंच, खुटाघाट जलाशय दृश्य पॉइंट, छूही गड्ढा, एनटीपीसी प्वाइंट ,नर्सिंग गंगा शंकर गुफा पॉइंट, चार मुख्य द्वारों में सिंह द्वार,गुप्त द्वार, हूंकरा द्वार, मेनका गेट एवं हजारों फीट ऊपर छत्तीसगढ़ के काश्मीर कहे जाने वाले चैतुरगढ़ में स्थित सात तालाबों में से चार जल से लबालब भरे तालाबों का प्रत्यक्ष दर्शन कर एवं पहाड़ के नीचे तलहटी में संकरे मार्ग से होते हुए गुफा में स्थित भगवान भोले शंकर की गुफा का दर्शन कर स्वयं सेवकों ने उत्साह से भरा रोमांचित होते हुए ,
प्रकृति के गोद में वन संसाधनों से चिर परिचित होते हुए, भ्रमण का कार्य पूरा किया ,इस कार्य को सफल बनाने में मार्गदर्शक मानसिंह यादव वन विभाग पाली के द्वारा विशेष सहयोग से भ्रमण कराते हुए मार्ग में पड़ने वाले तालाब ,साइड प्वाइंटों की विशेषताओं से अवगत कराते हुए,
चैतुरगढ़ में पाए जाने वाले वन्य जीव जंतुओं जैसे तेंदुआ, बंदर ,भालू,शाही, वन भैंसा आदि की उपस्थिति के बारे में बताते हुए भ्रमण कार्य कराया ,स्वयंसेवकों ने जिज्ञासा भरे निगाहों से पेड़ पौधों के बारे में पूछते हुए, ज्ञान प्राप्त किया इस अवसर पर स्वयं सेवकों ने मानव श्रृंखला बनाकर एवं पेड़ों से लिपटकर पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन हेतु प्रधानमंत्री के एक पेड़ मां के नाम के आह्वान को जमीनी स्तर पर फलीभूत करने का संकल्प लिया। स्वयं सेवकों ने इस भ्रमण का अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण यादगार एवं अविस्मरणीय पल बताते हुए, बेहद ज्ञानवर्धक एवं रोमांचित करने वाला बताया, जिला संगठक ने इस भ्रमण को स्वयं सेवकों के लिए प्रकृति से जोड़ने एवं पर्यावरण को संरक्षण और संवर्धन करने में मिल का पत्थर साबित होना बताया,
शिविर के दौरान स्वयंसेवकों के द्वारा मंदिर परिसर में आठ चबूतरे का पुनर्निर्माण व 20 चबूतरो की पुताई कार्य एवं मुख्य मार्ग पर 35 से अधिक स्थानों पर जन जागरूकता आधारित स्लोगन का लेखन कार्य किया गया तथा मंदिर परिसर में स्थित प्रसाधन कक्षों के कांक्रीटीकरण का कार्य किया गया,भ्रमण को सफल बनाने में स्वयंसेवक वर्णिता बकला,जयप्रकाश पटेल, देवेंद्र जायसवाल, विवेक,देवांश, मनीष ,अमन,अखिन कुमार , आरती ,विश्वदीप ,प्रशांत,अंजली,अम्बे,दीपक,अशोक, ओमू, रामचंद्र, आयुष , तरुण,किरण, प्रियंका,आदि का सराहनीय सहयोग रहा, कार्यक्रम का संचालन जिला संगठन वाई के तिवारी द्वारा किया जा रहा है।