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चीन के साथ LAC पर तनातनी के बीच अब सेना की तोप सरहदी इलाकों में पहुंचाई जा रही हैं. चीन को संदेश बहुत साफ है कि उसके धोखेबाज चरित्र पर अब यकीन नहीं किया जाएगा.
नई दिल्ली 24 जून ( कोरबा 24 न्यूज़ ) : गलवान में भारतीय सैनिकों का पराक्रम देखने के बाद चीन सहमा हुआ है. हिंदुस्तान के गर्दन तोड़ और हड्डी तोड़ पराक्रम के बादचीन के हौंसले पस्त हैं. सूत्रों के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना पीछे हटने को तैयार हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, कल मोल्डो में हुई भारत और चीन की बातचीत के बाद फैसला लिया गया है. दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर सहमति बनी है. दोनों देशों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है. चीन के साथ तनाव कम करने पर सहमति बनी है.
मोल्डो में हुई बैठक में भारत ने गलवान में हुई झड़प पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चीन पैंगोंग झील से सैनिक हटाए. भारत ने यह भी कहा कि गलवान में हिंसा चीन की सुनियोजित साजिश है. लोकल कमांडर को अब हालात के मुताबिक हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत दी चुकी है. चीन के लिए संदेश साफ है. अब खुली छूट है. चीन के साथ LAC पर तनातनी के बीच अब सेना की तोप सरहदी इलाकों में पहुंचाई जा रही हैं. चीन को संदेश बहुत साफ है कि उसके धोखेबाज चरित्र पर अब यकीन नहीं किया जाएगा
भारत पूरी तरह ऐक्शन मोड में
गालवान घाटी में झड़प के बाद से भारत पूरी तरह ऐक्शन मोड में है. लद्दाख में जहां सेना की तैयारी पूरी है, वहीं शीर्ष सैन्य अधिकारी भी अपने ज़रिए चीन पर दबाव बनाने में जुटे हैं. चीन के साथ LAC पर तनातनी के बीच अब सेना की तोप सरहदी इलाकों में पहुंचाई जा रही हैं. वायुसेना के सबसे घातक लड़ाकू विमानों की लद्दाख में तैनाती की जा चुकी है.
सीमा पर बढ़ेगी और ज्यादा चौकसी
आंतरिक सुरक्षा और कोविड- 19 में तैनात ITBP के जवानों को LAC पर भेजा जाएगा. गृह मंत्रालय जल्द फैसला ले सकता है. सूत्रों के मुताबिक ITBP की 35 कंपनियां आंतरिक सुरक्षा और कोरोना में तैनात हैं. इन 35 कंपनियों को LAC पर भेजा जाएगा. ITBP के जवानों की LAC पर तैनाती और ज्यादा होगी. इससे पहले 15 कंपनियां जो जम्मू कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा में तैनात थी उनको लद्दाख में भेजा जा चुका है. सूत्रों के मुताबिक आंतरिक सुरक्षा में लगी अब कुल 50 ITBP कंपनियों को LAC पर भेजा जाएगा.
आज सेना प्रमुख जनरल नरवणे आज लद्दाख के दौरा पर हैं. आर्मी चीफ चीन के कमांडरों के साथ हुई बैठक की जानकारी लेंगे और इलाके की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे. इससे पहले सेना प्रमुख ने दिल्ली में सेना के टॉप कमांडर्स के साथ सीमा सुरक्षा को लेकर बैठक की.
गलवान घाटी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच 15 जून की रात को तीन राउंड की लड़ाई हुई थी. LAC के करीब दौलत बेग ओल्डी रोड पिछले साल बनकर तैयार हुई थी और इसी रोड के बनने से चीन बहुत परेशान है, क्योंकि उसे लग रहा है कि अब इस इलाके में चीन के मुकाबले भारतीय सेना का प्रभुत्व बढ़ जाएगा. इसलिए वो गलवान घाटी की पहाड़ियों पर बैठकर भारत की गतिविधियों पर निगरानी रखना चाहता है.